School Holiday Schedule: Bihar में शिक्षा विभाग (Education Department) द्वारा सरकारी स्कूलों में अगले वर्ष के लिए अवकाश तालिका के जारी होने के बाद अब सियासत गर्म हो गई है।
हालांकि विपक्ष के आक्रामक रवैया के बाद जदयू (JDU) इसकी समीक्षा कर संशोधन की बात भी कह कह रहा है।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने 2024 कैलेंडर वर्ष के लिए स्कूलों को छुट्टी तालिका जारी की है। इस तालिका में कई पर्वों की छुट्टियां समाप्त कर दी गई हैं जबकि ईद और बकरीद की छुट्टियां (Eid and Bakrid holidays) इस साल की तुलना में बढ़ा दी गई हैं।
उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को अवकाश का दिन घोषित
इस वर्ष की तुलना में तीज, जिउतिया, जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि की छुट्टी समाप्त कर दी गई है, जबकि दिवाली के लिए एक दिन, छठ के लिए तीन दिन, होली के लिए दो दिन और दुर्गा पूजा के लिए तीन दिन छुट्टी तय की गई है। ईद और बकरीद के लिए तीन तीन दिनों की छुट्टी दी गई है।
विभाग द्वारा जारी आदेश में उर्दू स्कूलों में शुक्रवार को अब साप्ताहिक अवकाश का दिन घोषित किया जाता है।
अब सियासत गर्म हो गई है। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने सोशल मीडिया ‘X’ पर अपना बयान जारी करते हुए कहा कि Nitish Kumar की सरकार ने तीसरी बार अपना तुगलकी फरमान जारी किया है।
हिंदुओं के शिवरात्रि जन्माष्टमी, रामनवमी जैसे बड़े महापर्वों पर छुट्टियों में कटौती कर दी गई है तो दूसरी ओर मुसलमानों की ईद, बकरीद जैसे पर्वों की छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं।
नीतीश (Nitish) की सरकार बिहार में इस्लामिक धर्म के आधार काम कर रही है। इसी कारण से सीमांचल के जिलों अररिया, पूर्णिया, कटिहार जैसे जगहों पर शुक्रवार को स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी को मान्यता दी गई है।
मंगलवार को कहा कि इसे धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 200 दिनों तक पढ़ाई का प्रावधान है और 60 दिन अवकाश दिया जाता रहा है। पिछले 3 साल के दौरान इतनी ही छुट्टियां दी जा रही हैं।
अगर कुछ विसंगतियां है तो विभाग के स्तर पर उसे दूर कर लिया जाएगा। शिक्षा विभाग के फैसले को धार्मिक चश्मे से देखने की जरूरत नहीं है। इसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम के चश्मे से देखा जाए।