Floods wreak havoc in 16 districts of Bihar: बिहार में बाढ़ के चलते कई जिलों में तबाही मची है। राज्य के 16 जिलों में बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। बाढ़ के चलते करीब 16 लाख से अधिक लोगों के प्रभावित होने की खबर है। उधर कई स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं।
राज्य जल संसाधन विभाग (WRD) की ओर से बताया गया है कि बागमती नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि और पानी के बढ़ते दबाव से सीतामढ़ी जिले के बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर प्रखंडों तथा शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया और शिवहर प्रखंडों में बागमती नदी के बाएं और दाएं तटबंध पर कई जगह रिसाव की सूचना के बाद तत्काल दुरूस्त किया गया है।
तटबंध क्षतिग्रस्त होने, कार्य में लापरवाही बरतने एवं जिला प्रशासन से उचित समन्वय न रखने के आरोप में बगहा के कार्यपालक अभियंता (बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल) निशिकांत कुमार को निलंबित कर दिया है।
सीतामढ़ी जिले के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में जहां दरार की खबर आई, वहीं पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी पर पानी के अत्यधिक दबाव के कारण बगहा-1 प्रखंड में नदी के बाएं किनारे पर स्थित तटबंध रविवार शाम 4।50 बजे क्षतिग्रस्त हो गया। इससे बाढ़ का पानी पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में भी घुस गया।
इससे वहां के वन्यजीवों कोखतरा उत्पन्न हो गया है। राज्य जल संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि बिहार की अन्य नदियों में भी इस साल का अधिकतम जलस्तर दर्ज किया गया।
कमला बलान नदी के झंझारपुर मापक स्थल पर जलस्तर 52।10 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 2।10 मीटर अधिक है। ललबेकिया नदी के गोवाबाड़ी मापक स्थल पर जलस्तर 72।70 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 1।55 मीटर अधिक है।
जल संसाधन विभाग द्वारा जारी बयान के अनुसार, महानंदा नदी के तैयबपुर एवं ढ़ेगराघाट मापक स्थलों पर क्रमशः 66।81 मीटर एवं 37।22 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से क्रमश: 0।81 मीटर एवं 1।57 मीटर अधिक है। कमला बलान, ललबेकिया एवं महानंदा नदी के तटबंध एवं संरचनाएं सुरक्षित है।
बताया गया है कि छोटी नदियों में जलस्तर में कमी आई है लेकिन कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और करीब 16 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। हालांकि बाढ़ के चलते अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है।
उधर नेपाल के तराई क्षेत्रों में हुई बारिश से मुजफ्फरपुर की नदियों में जलस्तर बढ़ गया है। कई इलाकों में पानी घुस गया है। बाढ़ के जैसे हालात हैं। कटरा स्थित बकुची पावर ग्रिड परिसर में पानी घुस गया है।
इस बीच सुपौल में कोसी के बढ़ते जलस्तर में सोमवार की सुबह कमी आई है। कोसी बैराज से निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज लगातार कम हो रहा है। इससे प्रभावित क्षेत्रों में पानी धीरे-धीरे घटने लगा है।
हालांकि जिले के छह प्रखंड बसंतपुर, भपटियाही, मरौना, निर्मली, किसनपुर और सुपौल की करीब 25 से 30 पंचायतें अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। पानी कम होने से कुछ हद तक राहत मिली है, लेकिन नदी के कटाव का खतरा अब भी बना हुआ है।
करीब 16 जिले बाढ़ से प्रभावित
बिहार के कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं। प्रभावित जिलों की बात करें तो सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, सीवान किशनगंज, गोपालगंज, सारण, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण आदि शामिल हैं। राहत बचाव के लिए SDRF और NDRF की टीमें लगी हैं।
लोगों को घबराने की जरूरत नहीं- जल संसाधन मंत्री
बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि, जल संसाधन विभाग की टीम तटबंधों की 24 घंटे निगरानी कर रही है ताकि कटाव या खतरे का पता चलते ही त्वरित कार्रवाई की जा सके।
विभाग के तीन अधीक्षण अभियंता, 17 कार्यपालक अभियंता, 25 सहायक अभियंता और 45 कनीय अभियंता 24 घंटे काम कर रहे हैं। वे हमेशा सतर्क रहते हैं। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।