पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को यहां बताया कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना से बचाव के लिए एचआइवी मरीजों को टीका लगवाने का काम तीव्र गति से कर रहा है।
सामान्य व्यक्तियों की तुलना में एचआईवी मरीजों में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
इसको ध्यान में रखते हुए राज्य में बड़ी संख्या में एचआइवी मरीजों को भी कोविड वैक्सीन लगवाया जा रहा है। बिहार में अब तक 4520 एचआइवी मरीजों ने कोरोना का टीका लगवाया है।
मंगल पाण्डेय ने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के बीच विभाग के लिए यह एक सुखद उपलब्धि है।
केंद्र सरकार से मिले गाइडलाइन के बाद 28 जून से राज्य के 28 एआरटी (एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर) केंद्रों पर एचआईवी मरीजों को कोरोना का टीका लगाने का काम शुरू हुआ है।
टीकाकरण सुचारू रूप से चले इसके लिए सभी एआरटी केंद्रों पर एक स्टाफ नर्स की प्रतिनियुक्ति भी की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री पांडेय ने बताया कि बिहार में अभी 62 हजार एचआइवी पॉजिटिव मरीज हैं, जिन्हें राज्य के विभिन्न एआरटी केंद्रों पर निःशुल्क दवा प्रदान की जा रही है।
कोरोना काल में भी इन एचआइवी संक्रमित मरीजों का बेहतर उपचार किया गया है।
दूर-दराज के क्षेत्रों में संक्रमित मरीजों को समय से दवा पहुंचाई गई। एआरटी सेंटर में एचआइवी पीड़ितों के इलाज के लिए सारी सुविधाएं, टेस्ट एवं दवाइयां उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि एड्स नियंत्रण के लिए राज्य में अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
राज्य से एड्स के उन्मूलन के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। एड्स मरीजों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्हें नियमित रूप से चिकित्सीय परामर्श में रहने की जरूरत है। जिन कारणों से यह संक्रमण फैलता है उससे बचाव की कोशिश करनी चाहिए।
सरकार अपने संसाधनों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा एड्स पीड़ित मरीजों की पहचान करने में जुटी है, ताकि उन्हें दवा और उचित इलाज मुहैया कराई जा सके।