पटना: स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) बीमारी से जूझ रहे अयांश के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
दस साल पुराने जालसाजी के मामले में अयांश के पिता आलोक कुमार सिंह को जेल भेज दिया गया है।
अयांश की जान 16 करोड़ की इंजेक्शन से बच सकती है लेकिन अब क्राउड फंडिंग पर ब्रेक लगता दिख रहा है, क्योंकि अभी तक बेटे की जान बचाने के लिए क्राउड फंडिग से रुपये जुटा रहे अयांश के पिता अब सलाखों के पीछे चले गए हैं।
बताया जा रहा है कि आलोक सिंह पर दस साल पहले जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। उसे मामले में रांची में सरेंडर करने के बाद आलोक को जेल भेज दिया गया है।
आलोक पर गलत तरीके और झूठी जानकारी देकर बच्चों का मर्चेंट नेवी के कॉलेज में दाखिला दिलाने का आरोप है।
अयांश को बीमारी से बचाने के लिए जिस इंजेक्शन की जरूरत है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है।
पिछले कुछ दिनों से बेटे के लिए आलोक ने पैसा जुटाने की मुहिम शुरू की तो उसका फायदा भी दिखा।
छह करोड़ 85 लाख रुपये जमा भी हो गए लेकिन अब आलोक के जेल जाने के बाद उस मुहिम को झटका लगता दिखाई दे रहा है।
आलोक के खिलाफ रांची के पंडरा थाना में 2011 में जालसाजी का केस दर्ज हुआ था।
करीब दस साल बाद मामला तब सामने आया जब वह अयांश की जिंदगी को बचाने के लिए बड़े स्तर पर जन अभियान चला रहे थे।
दस साल पुराने मामले में आलोक ने रांची जाकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
पटना स्थित घर पर बीमार अयांश समेत दो बच्चों को लेकर पत्नी नेहा सिंह अब अकेली हैं।
हालांकि, सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग अब भी आलोक की जान बचाने के लिए अयांश को बचाना है नाम से मुहिम चला रहे हैं।