पटना: बिहार में कोरोना के कारण हुई मृत हुए लोगों के निकटतम परिजनों को अनुग्रह अनुदान के लिए 300 करोड़ की स्वीकृति मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मिली।
कोरोना मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख अनुदान का भुगतान राज्य संसाधन से करने की भी स्वीकृति दी गई।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बिहार आकस्मिकता निधि से अग्रिम 300 करोड़ निकासी की जाएगी।
ताकि जल्द सभी कोरोना मृतकों के परिजनों को अनुदान का भुगतान किया जा सके।
बालकों की देखरेख एवं संरक्षण के लिए बनाए गए कानून के तहत अनाथ बच्चों को दी जानेवाली सुविधाएं अब कोविड-19 महामारी से अनाथ हुए बच्चों को भी मिलेंगी।
कोरोना संक्रमण की वजह से जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो गई है उनकी सहायता के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किया है।
ऐसे किसी बच्चे की सूचना तुरंत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को देनी होगी। नियमानुसार इन बच्चों को 24 घंटे के भीतर जिला के बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
ताकि उनकी देखभाल को लेकर समिति द्वारा आदेश पारित किया जा सके। ऐसे बच्चों को 24 घंटे के भीतर जिले के बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करना जरूरी होता है।
ताकि बच्चे की देखरेख एवं संरक्षण के लिए जिला बाल कल्याण समिति जरूरी आदेश पारित कर सके। इस व्यवस्था में कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चे भी अब आएंगे।
बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद उन्हें बाल गृह या समाज कल्याण विभाग द्वारा अधिसूचित स्थानों पर रखा जा सकता है।
कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों की सूचना राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी देनी होगी। ईमेल या आयोग के दूरभाष पर इस बाबत सूचित करने का अनुरोध किया गया है।
ऐसा इसलिए किया गया है ताकि बच्चों की सहायता और उनका संरक्षण किया जा सके।