पटना: बिहार के लोगों के लिए सीएम नीतीश कुमार रविवार को बड़ा ऐलान किया है।
75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने प्रदेश की कृषि, शिक्षा और पर्यटन के विकास के साथ ही महिलाओं, किसानों, सरकारी कर्मचारियों और छात्र छात्राओं के लिए कई सौगातें दीं।
मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गांधी मैदान में झंडोत्तोलन के बाद राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए इन सौगातों की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि केन्द्र सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पेंशनधारियों को 01 जुलाई 2021 से महंगाई भत्ता की दर 11 प्रतिशत बढ़ाते हुये 17 प्रतिशत के स्थान पर 28 प्रतिशत दिया जायेगा। इससे संबंधित आदेश वित्त विभाग द्वारा शीघ्र निर्गत किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के अधीन तीन महाविद्यालयों की स्थापना की जाएगी।
सबौर में कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, भोजपुर में नया कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय और पटना में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को कृषि उत्पादों के लिए बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी कृषि बाजार समितियो का जीर्णोद्धार एवं विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
यहां पर अनाज, फल सब्जी एवं मछली की अलग-अलग बाजार व्यवस्था और स्टोरेज की सुविधा आदि कार्य कराए जाएंगे। इस पर लगभग 2700 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बिहार में इको टूरिज्म के विकास के सभी कार्य अब पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के जरिए कराए जाएंगे।
इसके लिए विभाग में ईकोटूरिज्म विंग की स्थापना की जाएगी। इसके अंतर्गत पहाड़ी, वन एवं वन्य प्राणी क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए उच्च स्तरीय सुविधाओं का निर्माण एवं रखरखाव किया जाएगा।
इसके लिए उपयुक्त इको टूरिज्म नीति का निर्धारण भी शीघ्र किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी गांव को अगले चार साल में दुग्ध सहकारी समितियां से आच्छादित किया जाएगा।
जितनी भी नई समितियां बनेंगी उनमें से 40 प्रतिशत महिला दुग्ध समितियां होंगी।
सुधा डेयरी के उत्पादों के लिए विक्रय केंद्र का शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी विस्तार किया जाएगा।
अगले चार साल में सभी नगर निकाय एवं प्रखंड स्तर तक सुधा डेयरी के उत्पादों के लिए बिक्री केंद्र खोले जाएंगे।
सीएम ने कहा कि सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत अनुसूचित जाति-जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग के युवक-युवतियों को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 50 हजार रुपए और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए एक लाख रुपए प्रोत्साहन दिया जाता है।
इस योजना की तर्ज पर अब अन्य सभी वर्गों की युवतियों के लिए भी सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना शुरू की जाएगी ताकि प्रशासनिक सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ सके।
उन्होंने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति हेतु अनुसूचित जाति अनुसूचित/जनजाति एवं अन्य पिछडे वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए परिवारिक आय की सीमा भारत सरकार द्वारा 2.5 लाख रूपये निर्धारित की गयी है।
घोषणा की कि अनुसूचित जाति/जनजाति एवं पिछडा/अति पिछडा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए पारिवारिक आय सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रूपये किया जायेगा।
बढ़ी हुयी पारिवारिक आय सीमा के कारण होने वाले अतिरिक्त खर्च को राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा के विकास एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्यालय स्तर पर कुशल एवं प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता होती है।
इसके लिए शिक्षा विभाग के अधीन प्रारंभिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक का संवर्ग तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक संवर्ग का गठन किया जायेगा।
प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से की जाएगी।