बेगूसराय: बाढ़ग्रस्त इलाके में नाव पर लड़की के जन्म होने पर 15 हजार रुपए दिए जाएंगे, लड़का का जन्म होने पर दस हजार रूपया दिया जाएगा।
यह निर्देश डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने शनिवार को जिले के सभी अधिकारियों को दिया है।
डीएम ने बताया कि बाढ़ प्रभावित आबादी के निष्क्रमण के दौरान यदि बच्चे का जन्म नाव, राहत शिविर या अस्पताल में होता है तो नवजात लड़की के लिए 15 हजार रूपये एवं नवजात लड़के के लिए दस हजार रूपये का भुगतान किया जाएगा।
डीएम ने बताया कि जिला प्रशासन प्रभावित व्यक्तियों को हरसंभव सहयोग तथा आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, सभी प्रभावित अंचलों में निर्धारित एसओपी के तहत कार्य किया जा रहा है।
सभी अंचलाधिकारियों को विस्थापित व्यक्तियों को सुबह-शाम पका हुआ गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के अतिरिक्त सुबह का नाश्ता भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
इस राहत केंद्रों में विस्थापितों को सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना तथा रात का खाना देने के साथ-साथ बच्चों को दूध भी दिया जाएगा।
प्रबंधन विभाग के निर्देश के आलोक में सभी अंचलाधिकारियों को राहत केंद्रों में रहने वाले सभी विस्थापितों को खाने के लिए स्टील की थाली, कटोरा, लोटा एवं गिलास देने का निर्देश दिया गया है, जिसका उपयोग वे राहत केंद्रों में आवासन के दौरान करेंगे तथा वापस लौटने के समय अपने साथ भी ले जा सकेंगे।
सभी पंजीकृत पुरूषों को लुंगी या धोती, गंजी, गमछा महिलाओं को साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज तथा बच्चों को निकर/टी-शर्ट तथा बच्चियों को स्कर्ट, फ्रॉक देने का निर्देश दिया गया है।
नहाने एवं कपड़ा धोने का साबुन, केश तेल, कंघी, छोटा ऐनक देने के साथ-साथ सभी महिलाओं को आवश्यकतानुसार सैनेट्री नैपकिन की आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है।
सभी संबंधित अनुमंडल पदाधिकारियों को तटबंधों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने तथा क्षेत्र में भ्रमणशील रहते हुए प्रभावित लोगों के लिए चलाए जाने वाले राहत एवं बचाव के कार्यों का अनुश्रवण करने का निर्देश दिया गया है।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडलों के कार्यपालक अभियंताओं को संबधित नदियों के जलस्तर का अपडेट लेते रहने एवं तटबंधों की सतत निगरानी का निर्देश देते हुए कहा है गया है कि तटबंधों में किसी भी प्रकार की क्षति होने पर वहां राहत तथा बचाव कार्य के लिए तत्काल कदम उठाने तथा पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के पथों की स्थिति पर नजर रखने का भी निर्देश दिया गया है।