दरभंगा: भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठन कुछ न कुछ अवांछनीय काम करते रहते हैं।
बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को सिकंदराबाद से आए कपड़े के पार्सल में हुए ब्लास्ट के मामले में पाक की संलिप्तता के कुछ नए खुलासे हुए हैं।
धीरे-धीरे ये बात पुख्ता होती जा रही है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के इशारे पर ही देश को दहलाने की बड़ी साजिश को अंजाम दिया गया था, जिसमें उत्तर प्रदेश के कैराना से गिरफ्तार सलीम और कफील नाम के दो आरोपियों की बड़ी भूमिका थी।
वारदात को अंजाम देने वाले नासिर और इमरान को एनआईए की विशेष अदालत ने शुक्रवार को 7 दिन की हिरासत में भेज दिया था और एनआईए की टीम अब इन्हें लेकर दिल्ली आ चुकी है।
इसके अलावा शनिवार को एनआईए की टीम को कफील की भी 6 दिन की रिमांड मिल गई। हालांकि मुख्य साजिशकर्ता सलीम को बीमार होने की वजह से न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
दरभंगा ब्लास्ट के मामले में एक मोबाइल नंबर से साजिश खुलासा हुआ है। 17 जून को देश को दहलाने की बड़ी साजिश बेशक नाकाम हो गई लेकिन इस साजिश के तार एक बार फिर सरहद पार से जुड़े हुए मिले हैं।
मालूम हो कि आरोपी कफील को फिलहाल पटना के बेऊर जेल में भेजा गया है, जहां से एनआईए की टीम उसे हिरासत में लेगी।
एनआईए की विशेष अदालत ने साजिश के सूत्रधार सलीम को न्यायिक हिरासत में भेजा है। बीमार होने की वजह से फिलहाल उसे एनआईए की कस्टडी में नहीं भेजा गया।
जान लें कि पाकिस्तान में इस साजिश का मास्टर माइंड इकबाल काना है। उसी के इशारे पर ये खौफनाक प्लान तैयार किया गया था।
एनआईए का कहना है कि वारदात के लिए पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा की तरफ से फिलहाल 1 लाख 60 हजार रुपये की फंडिंग की गई थी। लेकिन अगर ये लोग अपने मंसूबे में कामयाब हो जाते तो इन्हें करोड़ों रुपये की फंडिंग मिलती।
बहरहाल साजिश को सभी किरदार एनआईए की गिरफ्त में हैं और अब इनसे पूछताछ कर एनआईए की टीम इसे पूरी तरह से बेपर्दा करने की तैयारी में है। क्योंकि इस साजिश ने ये सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या देश की लाइफलाइन भारतीय रेलवे अब आतंकियों की रडार पर है? पाकिस्तान में बैठे आतंकी किस तरह से इस साजिश को अंजाम देना चाहते हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का कैराना एक बार फिर से सुर्खियों में है और इस बार वजह आतंकवाद।
जब एनआईए ने दरभंगा पार्सल ब्लास्ट की जांच की तो गिरफ्तार आतंकियों के घर का पता कैराना में मिला। जिसके बाद से अब यहां रहने वाले लोग अचंभे में हैं कि वो आतंकियों के बीच रहे थे।
दरभंगा में ट्रेन ब्लास्ट वैसे तो जून में हुआ था, लेकिन एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि इसकी तैयारी 4 महीने पहले फरवरी में ही की गई थी और धमाके की साजिश के लिए मीटिंग आरोपी हाजी सलीम के घर पर हुई थी।
कैराना के लश्कर आतंकी हाजी सलीम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। हाजी सलीम भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद के संपर्क में था। इस बात का खुलासा एनआईए की ओर से हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, हाजी सलीम के घर पर आईईडी ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। सलीम के घर साजिश की प्लानिंग में लश्कर-ए-तैयबा का भी हाथ था।
पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी इकबाल काना के इशारे पर ही ट्रेन धमाके की योजना बनी थी।