पटना: गंगा नदी के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन ने सोमवार से खुल रहे शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश जारी किया है।
डीएम की ओर से निर्गत आदेश में कहा गया है कि गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुए 16 अगस्त से गोगरी और परबत्ता प्रखंड के सभी तरह के सरकारी और निजी स्कूलों, कालेजों को अगले आदेश तक बंद रखा जाएगा।
यह आदेश कोचिंग संस्थानों पर भी लागू होगा। आदेश की अवहेलना करने पर आपदा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि गंगा नदी में उफान जारी है। जिला प्रशासन ने परबत्ता प्रखंड में माइक की मदद से झोंपड़ी और फूस के कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की सलाह दी है।
गोगरी नारायणपुर तटबंध पर पानी का भारी दबाव पिछले सप्ताह से लगातार बना हुआ है।
परबत्ता प्रखंड के कोरचक्का, दुधैला, बुद्धनगर, लौनियाचक, सुमेरी टोला, अकहा, लक्ष्मीपुर, सलारपुर, बिसौनी, उदयपुर,लगार, राका, अगुवानी गांव पर अधिक खतरा है।
प्रशासन का आकलन है कि इन गांवों में 7-8 हजार झोपड़ियां और उनमें रहने वाले लोगों को आश्रय स्थल पर पहुंचाने की व्यवस्था करनी है।
लगभग दर्जन भर स्थानों पर सामुदायिक किचन शुरू किया जा रहा है।
सोमवार की सुबह गंगा नदी का जलस्तर 36.28 मीटर दर्ज किया गया जो विगत बाढ़ के उच्च स्तर को छू चुका है।
गंगा नदी का खतरे का निशान 34.07 मीटर है जिससे 2.21मीटर अधिक जलस्तर पर गंगा बह रही है।
जलस्तर में वृद्धि का संकेत देखकर प्रशासन के हाथ पैर फूल रहे हैं। बूढ़ी गंडक, बागमती और कोसी नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
उल्लेखनीय है कि बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया जिले में ही गंगा नदी में समा जाती है।
बूढ़ी गंडक नदी में उफान से खगड़िया शहर के दक्षिणी भाग के कुछ हिस्सों में पानी आ गया है।
डीएम आलोक रंजन घोष ने लोगों से सतर्क और एकजुटता के साथ आपदा का मुकाबला करने का आग्रह किया है।
उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या एक और दो अंतर्गत सभी तटबंध सुरक्षित हैं लेकिन जीएन बांध पर भारी दबाव बना हुआ है।