पटना: बिहार में होने वाले त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तरह तैयार है।
11 चरणों में होने वाले इस चुनाव को शंतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना हालांकि प्रशासन के लिए एक चुनौती माना जा रहा है।
वैसे, इस चुनाव को शंतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य पुलिस को कई प्रकार के निर्देश दिए हैं। आयोग ने स्पष्ट कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव शांहितपूर्ण ढंग से कराए जाएं।
आयोग ने कहा है कि असमाजिक, उपद्रवी और अशांति पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए तथा ग्रामीणों में पुलिस गश्त बढ़ाई जाए।
इधर, सूत्रों के मुताबिक बिहार पुलिस अपराधियों से निपटने के लिए प्रत्येक प्रखंड में 50-50 मोटरसाइकिल दस्ते का गठन करने जा रही है।
इस टीम को पुलिस ने बिहार पंचायत चुनावों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैयार किया है।
कहा जा रहा है कि पुलिस ने गांवों में पैनी नजर रखने की कवायद प्रारंभ कर दी है। चुनाव में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं पड़े इसे लेकर पुलिस के जवान डंडे और हथियार से लैस होकर गांव-गांव बाइक से जाकर गश्त करेंगे।
पुलिस अधिकारियों द्वारा गांवों में लैग मार्च करने की भी योजना बनाई गई है। पुलिस और प्रशासन संवेदनशील जगहों को चिह्न्ति कर लंबित गैर जमानती वारंट का भी जल्द निष्पादन करने की तैयारी की है।
राज्य पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी की मानें तो बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव की पूरी जिम्मेदारी पटना पुलिस, बिहार सैन्य बल (बीएमपी) व होमगार्ड के जवानों पर रहेगी।
इसके साथ ही एक अभियान चलाकर विभिन्न मामलों में फरार आरोपियों पर शिंकजा कसते हुए पकड़ा जाएगा।
इस चुनाव में कई इलाकों को संवेदनशील मानते हुए तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
इधर, पंचायत चुनाव के मद्देनजर एक ही जिले में तीन साल से पदस्थापित पुलिस उपाधीक्षक, थानों में पदस्थापित इंस्पेक्टर व दारोगा का तबादला करने की भी तैयारी की जा रही है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मामले में गृह विभाग को पत्र भी लिखा है।
इस चुनाव में पहले चरण के लिए 24 सितंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि 12 दिसंबर को 11 वें तथा अंतिम चरण का मतदान होगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार में वर्ष 2016 में गठित त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरियां जून महीने में भंग कर दी गई हैं।
जून के पहले कोरोना के कारण चुनाव कराना संभाव नहीं था। जून के बाद पंचायत चुनाव तक पंचायत परामर्शी समिति काम कर रही है।