पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को लंबे समय से चल रहे किसान आंदेलन को लेकर कहा कि कृषि नीति किसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि बातचीत कर हल निकाला जाना चाहिए।
पटना में सोमवार को जनता दरबार में शामिल होने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन कुछ राज्यों की बात है।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा, ये कुछ राज्यों की बात है। कुछ इलाकों में नई कृषि नीति को लेकर विरोध है।
हर किसी को अपनी बात को रखने का अधिकार है। केंद्र सरकार ने कई बार बातचीत की है। आगे भी बातचीत कर लें।
केंद्र सरकार की कृषि नीति, किसी के खिलाफ नहीं है लेकिन कई इलाकों के लोगों के मन में इसको लेकर अलग-अलग भावना है तो फिर से बातचीत कर इसका समाधान निकाला जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना के दौर में निरंतर आंदोलन करना ठीक नहीं है।
पत्रकारों, मंत्रियों के फोन टैपिंग के संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सब अच्छी बात नहीं है। मेरे हिसाब से किसी को इस तरह से डिस्टर्ब करना अच्छी बात नहीं है, ये बिल्कुल बेकार बात है।
फोन टैपिंग को लेकर संसद में हो रहे हंगामे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो शुरू से ही कह रहे हैं कि ये जो नई तकनीक आई है इसके नफे, नुकसान पर भी गौर करना चाहिए।
पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिये टैक्स कम करने के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, अभी हमने इसपर गौर नहीं किया है, रेट तो बढ़ रहा है लेकिन आपलोग जो सुझाव दे रहे हैं तो इस पर परामर्श किया जा सकता है।
आपस में पहले हमलोग बात करेंगे, उसके बाद उसका क्या रास्ता है, किस तरह से लोगों को राहत मिल सकती है, उस पर गौर करेंगे।