पटना: बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है। गंगा के रौद्र रूप से पटना भी हलकान है। गंगा किनारे बसे क्षेत्रों में बाढ़ का पानी सड़क तक पहुंच गया है।
इससे पटना के बाढ़ अनुमंडल समेत पटना के शहरी इलाकों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। यदि आज भारी बारिश हुई तो स्थिति और भयावह होने की आशंका जतायी जा रही है।
पटन के बाढ़ अनुमंडल के हाथीदह राजेंद्र सेतु गंगा ब्रिज के पास गंगा नदी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 143.5 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
गंगा नदी सिक्स लेन निर्माण कंपनी के पास जल धारा रोकने के लिए बनाया गया तटबंध भी टूट गया है।
पटना के शहरी इलाके में स्थित गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर एक से सवा मीटर ऊपर दर्ज किया जा चुका है।
हर दो घंटे में गंगा का जलस्तर औसतन एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है। पटना से सटे कई निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
मनेर के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। लोग सुरक्षित जगह की ओर पलायन कर रहे हैं।
बाढ़ का पानी घूसने से पटना का दीघा बिंद टोली गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया है।
ग्रामीणों ने पैसे जुटाकर नाव की व्यवस्था की है जिससे आकस्मिक परिस्थिति में आवाजाही की जा रही है।
पटना से सटे जल्ला इलाके में गंगा और पुनपुन नदी का पानी खेतों और घरों में प्रवेश कर गया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में बाढ़ की वजह से 16 जिलों की लगभग 70.40 लाख आबादी प्रभावित हुई है।
बाढ़ प्रभावित जिलों में सुपौल, सारण, समस्तीपुर, सीवान, शिवहर, सीतामढ़ी, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, खगड़िया, मधुबनी, मधेपुरा और सहरसा शामिल है।
इन जिलों में कई नदियां उफान पर है। गंगा, बूढ़ी गंडक, सोन, पुनपुन, बागमती, कोसी अलग-अलग जगहों पर खतरे के निशान को पार कर चुकी है।