पटना: बिहार जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अपने संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है।
इसकी कड़ी में शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व एमएलसी राजेश राम और राजद से नाराज पूर्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी अपने समर्थकों के साथ जदयू में शामिल हो गए।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।
विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे आने के बाद से ही जदयू अपने संगठन विस्तार करने की कवायद में जुटा है।
जदयू सवर्ण और दलित वोट बैंक पर फोकस कर रही है। राजेश राम को पार्टी में शामिल कर जदयू दलितों को साधने की कोशिश की है।
गत बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था।बिहार में जदयू तीसरे पायदान पर आ गई है।
जदयू में शामिल हुए कांग्रेस नेता राजेश राम 2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
राजेश राम कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्णमासी राम के भाई हैं और इनके परिवार की चंपारण की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।
राजेश राम के साथ ही पूर्व राजद विधायक मुनेश्वर चौधरी भी जदयू में शामिल हुए। पार्टी कार्यालय में दो बजे मिलन समारोह रखा गया था।
चौधरी की पहचान सारण में राजद के दिग्गज नेता के रूप में रही है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के सहयोगी के तौर पर उन्होंने लंबा राजनीतिक सफर तय किया है।
छपरा जिला के गड़खा विधानसभा सुरक्षित सीट से लगातार पांच बार विधायक रहे हैं और दो बार बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
बीते साल 2020 में विधानसभा चुनाव में राजद ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। जिस वजह से मुनेश्वर चौधरी 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान जन अधिकार पार्टी में शामिल हो गए थे और उन्होंने जाप की टिकट पर चुनाव भी लड़ा, लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहे थे।