JDU Supported the Opposition on the Demand of Conducting Caste Census. : विपक्ष लगातार जातिगत जनगणना करने की मांग कर रहा है। इसी बीच अब एनडीए की अहम सहयोगी JDU ने भी जातिगत जनगणना की मांग पर विपक्ष का साथ दिया।
गुरुवार को JDU ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति में चर्चा के लिए ‘जाति आधारित जनगणना’ को विषय के रूप में शामिल किया जाए। BJP सदस्य गणेश सिंह की अध्यक्षता में हो रही समिति की पहली बैठक में DMK के सदस्य TR बालू ने यह मुद्दा उठाया।
जातिगत जनगणना मुद्दे पर गृह मंत्रालय को पत्र लिखने का सुझाव
संसद सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर चाहते थे कि समिति चर्चा के लिए सबसे पहले विषय के रूप में ‘जाति आधारित जनगणना’ को सूचीबद्ध करे। इसी बीच टीएमसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने उनका समर्थन किया।
सूत्रों ने बताया कि JDU सदस्य गिरधारी यादव भी चाहते थे कि समिति द्वारा चर्चा के लिए ‘जाति आधारित जनगणना’ को भी मुद्दे के तौर पर सूचीबद्ध किया जाए। कल्याण बनर्जी ने मांग की कि समिति ‘जाति आधारित जनगणना’ कराए जाने के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखे।
भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि आरक्षण के दायरे में अनुबंध और अस्थायी आधार पर की जाने वाली भर्तियां और तदर्थ नियुक्तियों को भी शामिल किया जाना चाहिए। बता दें कि अब तक BJP की ओर से देशव्यापी जातिगत जनगणना के मुद्दे पर संभलकर स्टैंड लिया गया है।
JDU और RJD ने राज्य में करवाई थी जातिगत जनगणना
वहीं जेडीयू की ओर से लगातार यह मांग उठती रही है कि देश भर में ‘जाति आधारित जनगणना’ कराई जाए। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि JDU ने बिहार की सत्ता में RJD के साथ रहते हुए राज्य में जातिवार जनगणना कराई थी और उसके आंकड़े भी जारी किए थे।
यही नहीं बिहार में उसके बाद ही आरक्षण को बढ़ाने का विधेयक भी पास किया गया था। इसके तहत राज्य में जातिगत आरक्षण को 65 फीसदी करने का फैसला लिया गया, जबकि 10 फीसदी EWS आरक्षण को मिलाकर कुल कोटा 75 फीसदी हो जाता है।