पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोमवार को पार्टी के 25 वें स्थापना दिवस के मौके पर केंद्र और बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा।
लंबे अंतरात के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए और उनमें जोश भरते हुए कहा कि राजद का भविष्य उज्जवल है।
राजद प्रमुख ने स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि आज सामाजिक तानेबाने को तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि आज नारा लगाया जा रहा है कि अयोध्या के बाद मथुरा, आखिर इसका क्या मतलब है। उन्होंने सवालिया लहजे में आखिर देश में क्या चाहते हैं।
उन्होंने राजद के कार्यकर्ताओं से सामाजिक तानाबाना को मजबूत करने के लिए काम करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि आज संसद में बहस तक नहीं होने दी जाती है। लालू प्रसाद ने अपने संघर्ष के दिनों की याद करते हुए मंडल आंदोलन का भी जिक्र किया।
उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए कहा कि आज वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके अरमानों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजद का भविष्य उज्जवल है। उन्होंने कहा कि हमने पांच-पांच प्रधानमंत्री को देखा, उनको बनाने में सहयोग किया।
उन्होंने नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि वे जब मंत्री नहीं बने तो वे व्याकुल हो गए। इसके बाद कहकर उन्हें कृषि मंत्री बनवाया।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने कहा, आज राष्ट्रीय जनता दल जनता की ताकत है, जिसे हम आने वाले दिनों में और मजबूत बनाएंगे।
लालू ने महंगाई को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा, नोटबंदी के बाद से ही देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। पेट्रोलियम पदाथरें के दामों में वृद्घि हो रही है।
महंगाई, बेरोजगारी से देश पीछे जा रहा है। कोरोना तो है ही। अब कोरोना की तीसरी लहर आने की बात हो रही है।
बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए लालू ने कहा, भ्रष्टाचार चरम पर है। कोई ऐसा दिन नहीं है जब चार से पांच लोगों की हत्याएं नहीं होती हैं।
बिहार हमारा पीछे जा रहा है। बेरोजगारी बढ़ी है। प्रवासी मजदूर बाहर कमाने के लिए जा रहे हैं। जब वे लौट रहे थे, तब राजद के लोगों ने उन्हें घरों तक पहुंचाया।
उन्होंने तेजस्वी की तारीफ करते हुए कहा कि मुझे आशा नहीं थी कि पिछले साल हुए चुनाव में वे इतना दौरा कर लेंगे, लेकिन उनको सभी सहयोग कर रहे हैं।
उन्होंने विरोधियों के चरवाहा स्कूल खोले जाने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि गरीबों के बच्चों के लिए चरवाहा विद्यालय तक खोले गए, लेकिन आज लोग मजाक बनाते हैं कि लालू ने चरवाहा विद्यालय खोला।
लोगों ने पहले का समय नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि यह एक संदेश था कि पिछड़े, गरीब भी पढ़ सकते हैं, स्कूल जा सकते हैं।
लालू ने अपने स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए लोगों को कहा कि अभी वे अस्वस्थ हैं, लेकिन सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही पटना आएंगें और सभी लोगों से मिलेंगे।