पटना: बिहार में राजग का अंग रहते हुए भी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के हाल के रूख से बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है।
ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि आज हम पार्टी की हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मांझी कुछ खास फैसला ले सकते है लेकिन मांझी की कोई नई सियायी खिचड़ी पर बैठक के बाद लिये गये निर्णय से थोड़े समय के लिए ही सही यह साफ हो गया कि मांझी अभी सरकार के साथ है।
बैठक में हुए निर्णय की जानकारी देते हुए हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया कि हम पार्टी मजबूती के साथ सरकार का दामन थामे रहेगी,लेकिन जनता से जुड़े मामलों को आग्रह पूर्वक सरकार से अवगत कराते रहेंगे और अनुरोध करेंगे कि जनता की समस्याओं का समाधान करे।
उन्होंने बताया कि मांझी जी ने अपने अध्यक्षीय माशण में कहा कि चुनावी घोशण पत्र लागू कराने के लिए हम तत्पर है।
हालांकि कांग्रेस और राजद मांझी को एनडीए में उनकी स्थिति से लगातार अवगत कराती रही है। इस क्रम में बुधवार को कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने चैकाने वाली बात कह दी।
उन्होंने कहा कि बिहार में अब चंद महीनों की सरकार है। बिहार में नई सरकार का गठन सुनिष्चित है बिहार में आरजेडी लीड करेगी।
स्वभाविक है उसके पास ज्यादा विधायक है। उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के खिलाफ जनादेश आया था वह जबदस्ती के मुख्यमंत्री बनाये हुए है।
एनडीए सरकार में भागीदारी निभाने वाले मांझी और सहनी पर उन्होंने कहा कि मांझी और सहनी एनडीए में ठीक महसूस नहीं कर रहे है।
सांसद के इस बयान को सिरे से खारिज करते हुए जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि बिहार सरकार पर कोई संकट नहीं है।
कांग्रेस पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता के लोभी जनादेश को पलटना चाहते है। एनडीए एक कार्यक्रम के तहत चलने वाली सरकार है इसमें कोई लालच नहीं है और सरकार लम्बे समय तक चलेगी।