पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को यहां बताया कि बिहार में कुपोषण के खिलाफ सामूहिक जंग की जरूरत है।
इसके लिए जनप्रतिनिधि, सेविका आदि सामाजिक स्तर पर जन जागरुकता फैलाने में अपने दायित्वों का सही रूप से निर्वहन करें।
महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर की बेहतरी के उद्देश्य से इस वर्ष भी सितंबर को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है।
कुपोषण एवं एनीमिया में कमी लाने के उद्देश्य से 30 सितंबर तक राज्य में जन-आंदोलन के रूप में राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जाना है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2018 से देश में पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है।
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास से आयोजित पोषण पखवाड़ा में राज्य सरकारों सहित विभिन्न विकास संस्थाओं से सक्रिय सहयोग कर गांव-गांव तक लोगों को जागरूक किया जाता है।
इस दौरान कोविड टीकाकरण, एनीमिया से बचाव के लिए आयरन फॉलिक एसिड सिरप, गुलाबी गोली, नीली गोली का वितरण किया जाएगा।
साथ ही योग सत्र का आयोजन, उचित आहार एवं स्वच्छता के प्रति जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, टीबी रोगियों को दी जाने वाली पोषण सहायता राशि के बारे में जानकारी देने के लिए सभी सदर अस्पताल एवं जिला प्रोग्राम कार्यालय में पोषण परामर्श डेस्क की व्यवस्था की गई है।
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्थापित राहत शिविरों में पोषण संबंधी सामग्रियों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
अभियान के दौरान बॉटल फीडिंग फ्री विलेज के चयन में आशा एवं एएनएम को सक्रिय भूमिका के लिए निर्देशित किया गया है।