Ashwini Choubey said : बिहार की राजनीति में रह रहकर टर्निंग होती रहती है। याद कीजिए, लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) परिणाम सामने आने के बाद से ही सरकार में सहयोगी नीतीश कुमार को लेकर अलग-अलग तरह की बातें कही और सुनी जाती रही हैं।
पहले कहा गया कि वह रेल मंत्रालय को लेकर बीजेपी के सामने डिमांड रखेंगे फिर बात स्पीकर पद पर आई और अब RJD के एक विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार NDA का साथ छोड़कर इंडिया गठबंधन में शामिल हो जाएंगे। फिलहाल नीतीश कुमार और उनकी पार्टी की ओर से ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले की हलचल
नीतीश कुमार को लेकर इस तरह की अटकलें तब शुरू हुई जब बिहार BJP के नेता अश्विनी चौबे ने NDA को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि इस बार NDA को BJP के लीडरशिप में चुनाव लड़ना चाहिए और BJP के नेतृत्व में सरकार बनानी चाहिए।
NDA में जदयू के 12 सांसद
नीतीश कुमार की पार्टी JDU के 12 सांसद NDA सरकार के गणित में शामिल हैं। 293 सांसदों के साथ NDA सरकार में है। अगर नीतीश कुमार अलग होते भी हैं तो सरकार बनी रहेगी क्योंकि बहुमत का आंकड़ा 272 है। चंद्रबाबू नायडू के 16 सांसद भी NDA के सहयोगी हैं। इसलिए इन दोनों का साथ बीजेपी के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था।
चुनाव के दौरान RJD नेता तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि सीएम नीतीश 4 जून के बाद कोई भी बड़ा फैसला कर सकते हैं। तेजस्वी ने कहा था कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी बचाने और पिछड़ों की राजनीति के लिए कोई भी कदम उठा सकते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अचानक पाला बदलते हुए NDA का दामन थाम लिया था, जबकि वह इंडिया गठबंधन के फाउंडर थे।