पटना जिला परिषद निर्वतमान अध्यक्ष अंजू देवी ने RCP सिंह के दामाद पर लगाया करोड़ों के घोटाला का आरोप

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पटना: पटना जिला परिषद की निर्वतमान अध्यक्ष अंजू देवी ने केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के दमाद और आईएएस अधिकारी सुहर्ष भगत पर गंभीर आरोप लगाया है।

अंजू ने आरोप लगाया है कि पटना के डीडीसी सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी रहते सुहर्ष भगत ने सवा सात करोड़ रुपये का गबन कर लिया है।

अंजू देवी का कहना है कि वे पिछले दो सालों से सुहर्ष भगत के कारनामे की जानकारी मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री औऱ तमाम आलाधिकारियों को देती रहीं लेकिन सरकार ने मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी की रिपोर्ट पर जिला परिषद की अध्यक्ष को बर्खास्त करने का एलान कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि पटना जिला परिषद में अध्यक्ष और डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के बीच घमासान मचने के बाद सरकार ने एलान किया कि जिप अध्यक्ष अंजू देवी को बर्खास्त कर दिया गया है।

हालांकि, इसकी कोई अधिसूचना अब तक अध्यक्ष को नहीं मिली है। इसलिए वह अध्यक्ष की कुर्सी पर ही बैठी है।

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अंजू देवी ने कहा कि उन्हें समाचार पत्र के माध्यम से ये खबर मिली है कि सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है लेकिन हमे कोई चिट्ठी नहीं मिली है।

अंजू देवी ने कहा कि उन्हें आरसीपी सिंह के दामाद औऱ आईएएस अधिकारी सुहर्ष भगत के काले कारनामों का विरोध करने की सजा मिली है।

दरअसल, सुहर्ष भगत पिछले साल तक पटना के डीडीसी औऱ जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी थे। अं

जू देवी ने कहा कि पिछले साल 4 फरवरी को सुहर्ष भगत ने जिला परिषद अध्यक्ष की बगैर मंजूरी के जिला परिषद की बैठक बुला ली।

उसी बैठक में फर्जी तरीके से योजनाओं को पास करा कर सवा सात करोड़ रुपये का गबन कर लिया गया।

उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व राज्य के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी थी कि पटना जिला परिषद की अध्यक्ष अंजू देवी को बर्खास्त कर दिया गया है।

जिला परिषद की अध्यक्ष पर आरोप लगाया गया था कि वह 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत 17 करोड 20 लाख की योजनाओं के चयन करने के लिए बैठक नहीं कर रही थीं। उन्होंने कई अहम फाइल अपने पास रोक रखी थी।

बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा था, जिसका जवाब 16 अगस्त को जिप अध्यक्ष अंजू देवी ने भेज दिया था।

17 अगस्त को जिला परिषद की बैठक भी हुई, इसमे हंगामा हुआ औऱ मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने कार्यवाही को मानने से इंकार कर दिया था।

इससे नाराज अंजू देवी धरने पर बैठ गयी थीं। वे लगातार धरने पर बैठी थीं तभी सरकार ने उन्हें बर्खास्त करने की जानकारी दी।

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