पटना: पश्चिम बंगाल इकाई के आरएसएस बौद्धिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने हिंदू समुदाय की तुलना मेंढक से की और कहा कि इन्हें एक ही तराजू पर नहीं तौला जा सकता है।
यह टिप्पणी उन्होंने रविवार को राधिका रमन की अध्यक्षता में भाजपा की बिहार इकाई के चुनाव प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित वर्चुअल चर्चा के दौरान की। चर्चा का विषय हिंसा और लोकतांत्रिक खतरा था, जो पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद पैदा हुआ था।
श्रीवास्तव ने आरएसएस के पूर्व प्रमुख दिवंगत केशव बलिराम हेडगेवार के इस बयान का हवाला देते हुए कहा, हिंदू समुदाय मेंढक की तरह व्यवहार करता है और इन्हें एक ही तराजू पर तौलना बेहद कठिन है।
उन्होंने कहा, ममता बनर्जी और कुछ चरमपंथियों द्वारा मुस्लिम समुदाय को एकजुट कर मुर्गे को गर्दन से अलग करने की साजिश कर रहे हैं। हमें उनकी साजिश को नाकाम करना होगा।
भाजपा एमएलसी और बिहार के महासचिव देवेश कुमार ने कहा, हम इस साल पश्चिम बंगाल में सत्ता में नहीं आ पाए हैं, लेकिन पांच साल बाद जरूर आएंगे।
बहरहाल हमारा प्रदर्शन संतोषजनक रहा क्योंकि हमने पश्चिम बंगाल में 3 से 77 सीटें हासिल कीं, जो आसान नहीं था।
हम ओबीसी के 49 फीसदी, एससी के 52 फीसदी और एसटी के 46 फीसदी वोट शेयर हासिल करने में सफल रहे।
कुमार मानते हैं कि गरीबों और खासकर महिलाओं के लिए ममता बनर्जी की योजनाओं का चुनाव परिणामों पर असर पड़ा है।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा राज्य प्रायोजित थी। अब समय आ गया है कि इसी तरह से जवाबी कार्रवाई की जाए।
एक अन्य भाजपा नेता डॉ पूनम शर्मा ने कहा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एक महिला हैं, फिर भी विधानसभा चुनाव के बाद महिलाओं के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसाएं हुई हैं।