पटना: बिहार में कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है। संक्रमित लोगों का नमूना जेनेटिक मैपिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा जा रहा है।
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग से अब तक छह लॉट में नमूना जेनेटिक मैपिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा जा चुका है। अब तक 80 से 90 प्रतिशत में डेल्टा ही पाया गया है, जिसने दूसरी लहर में पूरे देश को प्रभावित किया है।
इसका असर पूरे देश में बहुत अधिक रहा है। किसी भी जांच में डेल्टा प्लस का वेरिएंट नहीं पाया गया है। पीएमसीएच से एक लॉट में 15 सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। अब तक छह लॉट भेजने के बाद भी किसी भी सैंपल में डेल्टा प्लस वेरिएंट नहीं पाया गया है।
दूसरी लहर में भारत में कोरोना का म्यूटेटेड वैरिएंट डेल्टा पाया गया, जो अल्फा से कई गुना अधिक खतरनाक था।
अब देश में नए वैरिएंट डेल्टा प्लस के मामले मिल रहे हैं, जो चिंता की बात हैं। क्योंकि, जब भी वायरस का नया वैरिएंट आया है, यह पूरे विश्व के लिए काफी खतरनाक हुआ है।
कोरोना के वैरिएंट डेल्टा प्लस ने पूरे विश्व की मुश्किल बढ़ा दी है। तेजी से बदल रहा वैरिएंट हर बार खतरनाक होकर सामने आ रहा है। कोरोना की पहली लहर में भारत में अल्फा पाया गया था और दूसरी लहर में डेल्टा का वेरिएंट मिला था।
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ सत्येंद्र सिंह ने बताया कि पहली लहर में कोरोना का अल्फा वेरिएंट था, जो अधिक खतरनाक नहीं था। इसके बाद विश्व के कई देशों में बीटा और गामा का वेरिएंट मिला।
बिहार में कोरोना का आंकड़ा
बिहार में अब तक कुल 7,20,505 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि, 7,08,231 लोगों ने इस महामारी को मात दी है। प्रदेश में 9565 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है।
मई माह में में 2,521 लोगों की जान चली गई है, जबकि जून माह के 23 जून तक 4,402 लोगों की मौत हुई है। जून के 23 दिनों में रिकवरी रेट 1.33 प्रतिशत बढ़ा है।