पटना: नाबालिग से रेप के दोषी स्कूल के प्रिंसिपल को अदालत ने सजा-ए-मौत (फांसी) की सजा सुनाई है। पटना स्थित पॉक्सो कोर्ट ने इसके अलावा बलात्कारी प्रिंसिपल पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी ठोंका है।
मदद करने वाले टीचर को उम्र कैद की सजा
दुराचारी प्रिंसिपल राज सिंघानिया उर्फ अरविंद कुमार के अलावा इस कुकर्म में मदद करने वाले टीचर अभिषेक कुमार को उम्र कैद की सजा की घोषणा की गई।
साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया, जबकि पीड़िता को 15 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
विशेष लोक अभियोजक सुरेश चंद्र प्रसाद के हवाले से स्थानीय मीडिया ने बताया, सूबे में पहली दफा पॉक्सो ऐक्ट में रेप करने को लेकर किसी को सजा-ए-मौत का ऐलान किया गया है।
ट्यूशन पढ़ाने के बहाने बुलाता था प्रिंसिपल
जज ने कहा कि समाज में बढ़ते इस तरह के गंभीर अपराधों के लिए कठोर सजा ही इकलौता उपाय है।
जानकारी के मुताबिक, प्रिंसिलप ट्यूशन पढ़ाने के बहाने पांचवीं कक्षा की मासूम बच्ची को स्कूल के प्राइवेट रूम में बुलाता था और इसी बहाने वह उसके साथ गंदी हरकत करता रहा।
पत्रकार को मारने दौड़ा
यही नहीं, मामले में सबूत मिटाने के लिए दोषी प्रिंसिपल ने स्कूल में आग तक लगवा दी थी।
सिविल कोर्ट परिसर में जब सजा के बाद दुष्कर्मी को जेल ले जाया जा रहा था, तब कुछ फोटो पत्रकार उसकी तस्वीरें क्लिक कर रहे थे। बलात्कारी उस दौरान बुरी तरह आग-बबूला हो उठा और पत्रकार को मारने दौड़ा।
बच्ची बाद में गर्भवती हो गई
पीड़िता को दुराचारी प्रिंसिपल धमकाया करता था, जिसके डर से छात्रा ने कुकर्म की बात परिवार से शुरुआत में छिपाए रखी थी। बच्ची बाद में गर्भवती हो गई।
अचानक तबीयत खराब होने पर जब उसे उल्टियां आने लगीं, तब घर वालों को सच मालूम पड़ा। डीएनए टेस्ट के जरिए पीड़िता से रेप की पुष्टि हुई।