बिहार में अभी से करवट बदलने लगा मौसम, शाम ढलते ही ठंड की दस्तक ने…

आसमान में हल्की धूप भी खिल रही है और शाम ढलने के साथ ही हल्की ठंड भी दस्तक देने लगी है, लोगों के मन में एक सवाल उठने लगा है कि इस साल ठंड कब दस्तक देने वाली है

News Aroma Media
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Bihar Weather : बिहार का मौसम (Bihar weather) करवट बदलने लगा है। मानसून (Monsoon) की वापसी के बाद एकबार फिर से मौसम का मिजाज बदला है।

आसमान में हल्की धूप भी खिल रही है और शाम ढलने के साथ ही हल्की ठंड भी दस्तक देने लगी है। लोगों के मन में एक सवाल उठने लगा है कि इस साल ठंड कब दस्तक देने वाली है।

बदलने लगा मौसम

पहाड़ों पर बर्फबारी का असर गोपालगंज में भी धीरे-धीरे दिखने लगा है। शनिवार को पारा साढ़े चार डिग्री गिरने से न्यूनतम तापमान का पिछले चार साल का रिकॉर्ड टूट गया।

इसके साथ ही ठंड ने भी दस्तक दे दी है और रात में सिहरन ने बदलाव का संकेत देना शुरू कर दिया है। पिछले पांच दिन में तापमान तीन से चार डिग्री सेल्सियस नीचे की ओर से बढ़ा है।

आने वाले सप्ताह में अधिकतम तापमान में भी और गिरावट दर्ज होने के आसार हैं। शुक्रवार की रात से ठंडी हवाओं के चलते रात से ही मौसम में परिवर्तन होने लगा था।

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हालांकि दिन में खास असर नहीं पड़ रहा है, कारण अधिकतम तापमान अब भी 31.8 डिग्री सेल्सियस पर टिका है।16 अक्तूबर को अधिकतम तापमान 36 और न्यूनतम 21.8 डिग्री सेल्सियस था।

शनिवार को न्यूनतम तापमान 18.1 और अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। न्यूनतम तापमान में गिरावट की वजह से रात में हल्की सिहरन महसूस होने लगी है।

BHU के मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि अलनीनो के प्रभाव की वजह से दिन और रात के तापमान में भारी अंतर देखने को मिल रहा है। मौसम का यह रुख अगले पांच-छह दिन तक बना रहेगा।

25 अक्तूबर तक जिले में तेज हवा

भागलपुर जिले का तापमान धीरे-धीरे कम हो रहा है। शाम ढलते ही हवा में ठंडक घुलने लगती है। खुले मैदानों में ओस गिरना शुरू हो जाता है। रात में लोग अब चादर ओढ़ कर सोने लगे हैं।

दशहरा तक मौसम साफ रहेगा। लेकिन बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे चक्रवातीय असर से 24 अक्तूबर की रात से 25 अक्तूबर तक जिले में तेज हवा चलेगी। साथ ही बारिश का भी अनुमान लगाया गया है। इससे जिले का तापमान और कम हो जायेगा।

मौसम, फसलों के लिए फायदेमंद

मौसम विज्ञानी ने बताया कि सब्जियों की फसल के लिए यह तापमान सबसे फायदेमंद होता है। मौसम में नमी की वजह से अगैती फसलों आलू, प्याज व दलहन की बोआई करने की तैयारी किसान कर सकते हैं।

अक्तूबर, नवंबर और फरवरी, मार्च में डेली टेंप्रेचर रेंज (DTR) सर्वाधिक होता है। किसानों को सलाह दी गयी कि धान की फसल की नियमित निरीक्षण करते रहें। कीट या रोग के प्रकोप होने पर दवा का छिड़काव करें।

कितनी बढ़ेगी ठंड?

इस बार सर्दी का मौसम (Winter Season) छोटा होगा और इसकी वजह भी सामने आयी है। मौसम मामले के जानकार बताते हैं कि अल नीनो की वजह से आने वाली सर्दी के मौसम में ठंड बहुत अधिक नहीं पड़ेगी।

ऐसा हो सकता है कि सर्दी का मौसम भी छोटा होगा। यानी ठंड बहुत अधिक दिनों तक नहीं रहेगी। कड़ाके की ठंड से लोगों का सामना कम हो सकता है।

नवंबर से फरवरी तक सामान्य ठंड ही रहने की संभावना है। हालांकि भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) की ओर से सर्दी के सीजन का कोई पूर्वानुमान अभी जारी नहीं किया गया है। लेकिन आने वाले दिनों में मौसम को लेकर मौसम वैज्ञानी संभावना जरूर बता रहे हैं।

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