पटना: पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के बाद बिहार की नीतीश सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है।
बिहार देश का पहला राज्य बन गया है, जहां ट्रांसजेंडरों के लिए पुलिस बटालियन का गठन किया जाएगा।
राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में अपना एक प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार के इस फैसले से बिहार में 18 साल की उम्र पार कर चुके 40 हजार ट्रांसजेंडरों को पुलिस में अपनी सेवा देने का मौका मिलेगा।
पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट में सिपाही भर्ती परीक्षा में ट्रासंजेंडरों के लिए आवेदन में जगह नहीं दिए जाने पर वीरा यादव ने याचिका दायर की थी, जिसपर हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से जवाब मांगा था कि ट्रांसजेंडरों के लिए पुलिस में भर्ती की क्या व्यवस्था की गई है।
अब हाईकोर्ट के इस दखल के बाद सरकार ने तय किया है कि ट्रांसजेंडरों के लिए एक अलग बटालियन का गठन किया जाए।
अगर राज्य सरकार इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे देती है तो बिहार देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां पुलिस में ट्रांसजेंडरो की अलग बटालियन होगी।
Sगृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुभानी के हवाले से बताया गया है कि राज्य सरकार बिहार पुलिस में ट्रांसजेंडरों को समर्पित एक बटालियन बनाने पर विचार कर रही है।
राज्य के एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि बटालियन बनाने की चर्चा सरकारी स्तर पर चल रही है।
एक बार सरकार से मंजूरी मिल जाए तो हम चयन के लिए मापदंड और भर्ती प्रक्रिया शुरू कर देंगे। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले में उच्च स्तरीय बैठक शुरू कर दी है।
अधिकारियों की सहमति के बाद प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा।
इससे पहले राज्य सरकार ने इस साल विगत 26 फरवरी को बिहार पुलिस में आदिवासी महिलाओं और लड़कियों के लिए स्वाभिमान वाहिनी बनाने का निर्णय लिया था।
इस नए बटालियन में बिहार की केवल आदिवासी युवतियों को शामिल किया जाएगा। ताकि वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।