नई दिल्ली: 15 सदस्यों वाली बिहार की नई कैबिनेट में 13 मंत्री करोड़पति हैं और इन नेताओं के पास औसतन 3.93 करोड़ रुपये की संपत्ति है। यह जानकारी बिहार इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने दी है।
जिन 14 मंत्रियों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया है, उनमें 13 करोड़पति हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 6 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के 5 और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के एक-एक मंत्री हैं। इन 14 मंत्रियों में दो महिलाएं हैं।
इलेक्शन वॉचडॉग ने कहा है कि ये निष्कर्ष अक्टूबर-नवंबर के विधानसभा चुनावों से पहले उन्हीं के द्वारा पेश किए गए शपथपत्रों के विश्लेषण पर आधारित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, विश्लेषण किए गए 14 मंत्रियों की औसत संपत्ति 3.93 करोड़ रुपये है।
सबसे ज्यादा संपत्ति रखने वाले मंत्रियों में तारापुर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए मेवा लाल चौधरी टॉप पर हैं, जिनके पास 12.31 करोड़ रुपये की संपत्ति है। जबकि सबसे कम घोषित संपत्ति वाले मंत्री अशोक चौधरी हैं, जिन्होंने अपनी 72.89 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की है।
कुल 8 मंत्रियों ने अपनी देनदारियां भी बताई हैं, जिसमें सबसे ज्यादा देनदारी सिमरी बख्तियारपुर निर्वाचन क्षेत्र के मुकेश सहानी की है। इन मंत्री पर 1.54 करोड़ रुपये का कर्ज है।
4 मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं और 12वीं कक्षा के बीच बताई है, वहीं 10 मंत्रियों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षिक योग्यता दर्शाई है।
इसी तरह 6 मंत्रियों ने अपनी उम्र 41 से 50 के बीच बताई और 8 मंत्रियों ने 51 से 75 साल के बीच बताई है।
बता दें कि 243 सीटों के इन विधानसभा चुनावों में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर ली, जबकि तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं। महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल को 70, कांग्रेस को 19 और वामपंथी दलों (सीपीआई-एमएलएल, सीपीआई-एम और सीपीआई) को 18 सीटें मिली हैं।