बीजिंग: अंतरिक्ष में चीनी सैटेलाइट रूस के एक पुराने सैटेलाइट के मलबे से टकराने से बच गई। चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि उनके वैज्ञानिकों ने टक्कर को कड़ी मशक्कत के बाद नाकाम कर दिया है।
अंतरिक्ष के मलबों पर निगाह रखने वाली संस्था ने कहा कि सिंघुआ साइंस सैटेलाइट 14.5 मीटर लंबे अंतरिक्ष कचरे से बाल-बाल बची है।
टक्कर से अंतरिक्ष में मौजूद दूसरी सैटेलाइटों को भी गंभीर खतरा पैदा हो सकता था। रिपोर्ट के अनुसार, सैटेलाइट का यह टुकड़ा पिछले साल नवंबर में रूस के एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट से पैदा हुआ था।
चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि रूसी सैटेलाइट का यह टुकड़ा भविष्य में भी दूसरी सैटेलाइटों के लिए खतरा बन सकता है।
रूस ने 15 नवंबर को एस-500 मिसाइल सिस्टम के द्वारा लंबे समय से निष्क्रिय सोवियत खुफिया उपग्रह को उड़ाया था। सैटेलाइट को 1982 में लांच किया गया था।
रूस के एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट से अंतरिक्ष में करीब 1,500 टुकड़े पैदा हुए थे। ये टुकड़े अपनी कक्षा में तेजी से पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं।
इस परीक्षण के बाद अमेरिका ने रूस की कड़ी आलोचना की थी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रूस की लापरवाही करार दिया था।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा था कि मलबे से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
आईएसएस ने रूसी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट के बाद नवंबर की अंत में एक स्पेसवॉक को स्थगित कर दिया था।
नासा आईएसएस के प्रोग्राम डायरेक्टर ने नासा की सलाहकार समिति को बताया कि रूस के इस परीक्षण से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए जोखिम दोगुना होगा है।
पहले आईएसएस के धरती की 50000 राउंड परिक्रमा में एक के खतरनाक होने का अंदेशा था, अब घटकर 25000 से 33000 परिक्रमा पर चला गया है। आईएसएस एक साल में लगभग 6000 परिक्रमा करता है।