Bird Flu Infection: धीरे धीरे भारत में बर्ड फ्लू (Bird Flu) के फैलने के आसार दिख रहे हैं। बता दें कि भारत के कई राज्यों में इसके मामले मिले हैं।
उनमें से महाराष्ट्र (Maharashtra), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और केरल (Kerala) मुख्य हैं।
मरे हुए कौवों और बत्तखों से हुई पुष्टि
दिल्ली में भी मरे हुए कौवों और बत्तखों (Crows and Ducks) से लिए गए नमूनों से Bird FLU के मामलों की पुष्टि हुई है। एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) या बर्ड फ्लू (Bird Flu) का वायरस मनुष्यों में फ्लू का कारण बनने वाले वायरस से अलग है।
इससे मनुष्यों के संक्रमित होने की आशंका कम होती है। फिर भी इससे सतर्क रहना जरूरी है। इसका निदान और उपचार कैसे किया जा सकता है, आइये जानते हैं Bird Flu के बारे में सब कुछ।
क्या है एवियन इन्फ्लूएंजा?
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के अनुसार, Avian Influenza या बर्ड फ्लू एवियन यानी पक्षी को होने वाला फ्लू है, जो Influenza के ए टाइप वायरस (A type virus) के संक्रमण के कारण होता है।
यह वायरस स्वाभाविक रूप से दुनिया भर में जंगली जलीय पक्षियों में फैलते हैं। इनसे ही घरेलू पोल्ट्री (Domestic poultry) और अन्य पशु-पक्षी भी संक्रमित हो जाते हैं। Bird Flu के वायरस आम तौर पर इंसानों को संक्रमित नहीं करते। मगर मानव संक्रमण होने की आशंका बनी रहती है।
मनुष्यों में क्या हो सकते हैं Bird FLU के लक्षण और संकेत
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के अनुसार Influenza A virus मनुष्यों और कई अलग-अलग जानवरों को संक्रमित करता है।
मनुष्यों में एवियन और अन्य ज़ूनोटिक इन्फ्लूएंजा संक्रमण (Zoonotic Influenza Infection) के कारण रेस्पिरेटरी सिस्टम में संक्रमण हो जाता है।
इससे बुखार और खांसी से लेकर क्रोनिक निमोनिया, एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, ट्रॉमा और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है। इसके कारण उल्टी और दस्त जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) लक्षण हो सकते हैं।
कैसे फैलता है एवियन इन्फ्लुएंजा
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) के लिए संक्रमित जीवित या मृत पोल्ट्री या पोल्ट्री फार्म (Poultry farm) के दूषित वातावरण से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क से मनुष्यों में संक्रमण फ़ैल सकता है। मानव संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए पोल्ट्री में Avian Influenza वायरस के प्रसार को नियंत्रित करना आवश्यक है
ब्लड टेस्ट की सहायता लें
एवियन इन्फ्लूएंजा परीक्षणों (Avian influenza tests) के लिए रोगी का ब्लड सैम्पल लिया जाता है। संक्रमण का डायग्नोसिस (Diagnosis) या निदान करने के लिए क्लिनिकल परीक्षणों की जरूरत पड़ती है।
WHO के अनुसार आरटी-पीसीआर (RT-PCR) और अन्य तरीके इसके निदान के लिए प्रयोग में लाये जा सकते हैं। रैपिड इन्फ्लूएंजा डायग्नोस्टिक टेस्ट (Rapid Influenza Diagnostic Test) भी कराया जा सकता है। इसकी विश्वसनीयता काफी हद तक उपयोग किये जाने की स्थिति पर निर्भर करती है।
कैसे होता है इसका इलाज
कुछ एंटीवायरल दवाएं (Antiviral Drugs), विशेष रूप से न्यूरोमिनिडेज़ इन्हिबिटर वायरस के रेप्लीकेशन को कम कर सकती हैं।
कन्फर्म किये गये केस में लक्षण दिखने के 48 घंटों के भीतर न्यूरोमिनिडेज़ इन्हिबिटर (Neuraminidase Inhibitors) को जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए। उपचार को कम से कम 5 दिनों तक जारी रखना जरूरी है।
एवियन इन्फ्लुएंजा से बचाव
एंटीवायरल उपचार (Antiviral treatment) के अलावा कुछ बचाव के उपाय भी किया जाना चाहिए।
हाथ धोना है जरूरी
नियमित रूप से हाथ धोते रहना चाहिए, ताकि संक्रमण से बचाव किया जा सके। आंख, नाक या मुंह को छूने से बचना चाहिए।
दूषित प्रतीत होने वाली जगहों से बचना जरूरी
पोल्ट्री बाजारों में पशु-पक्षियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। किसी भी ऐसी सतह के संपर्क में न आएं जो दूषित प्रतीत होती हो। मुर्गी या अन्य जानवरों के स्टूल के माध्यम से यह फ़ैल सकता है।
प्रभावित क्षेत्रों से लौटने वाले यात्रियों को श्वसन संबंधी लक्षणों में ज़ूनोटिक इन्फ्लूएंजा वायरस संक्रमण (Zoonotic influenza virus infection) का संदेह होने पर अपनी जांच करानी चाहिए।
रेस्पिरेटरी हाइजीन का ख्याल
खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढंक कर रखें। इसके लिए टिश्यू पेपर (Tissue paper) का उपयोग करना चाहिए। इस्तेमाल के बाद इसे सही तरीके से डिस्पोज करना भी जरूरी है।
अस्वस्थ महसूस करने पर सतर्क हो जाएं
यदि बुखार जैसा लग रहा है या Influenza के लक्षण शरीर में दिखने लगे हैं, तो खुद को तुरंत परिवार के लोगों से अलग कर लें। इससे परिवार के सदस्यों का बचाव हो सकेगा। बीमार लोगों के संपर्क से भी बचने की कोशिश करें।
हेल्थ केयर प्रोवाइडर रहें सतर्क
एयरोसोल जनरेटिंग प्रक्रियाओं (Aerosol Generating Processes) को तैयार करने वाले हेल्थकेयर प्रोवाइडर को खुद के लिए सतर्कता बरतनी चाहिए। उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का उपयोग किया जाना चाहिए।
विदेश यात्रा करते समय विशेष सावधानी रखें। अगर आप विदेश यात्रा कर रहे हैं तो Avian Influenza से प्रभावित देशों की यात्रा करने पर वहां रहने वाले लोगों और पोल्ट्री फार्मों (Poultry Farms) से बचना चाहिए।