जयपुर: राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर जारी है। गुरुवार को भी पक्षियों पर एवियन इन्फ्लूएंजा की गाज गिरी। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कई पक्षियों की मौत के मामले सामने आए।
बर्ड फ्लू की दहशत झालावाड़ से शुरू होकर प्रदेश के करीब 16 जिलों तक फैल चुकी हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार भी लगातार दिशा-निर्देश जारी कर रही है।
प्रदेश में गुरुवार को भी डूंगरपुर, सीकर, अलवर, झालावाड़ और भरतपुर जिले से पक्षियों की मौत के मामले सामने आए।
इस बीच राहत भरी खबर यह है कि पाली से भोपाल भेजे गए कौओं के विसरा के सैंपल नेगेटिव आए हैं।
इसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है। पाली में पिछले 4 दिनों से अलग-अलग क्षेत्रों में कौओं की मौत के मामले सामने आ रहे थे।
यहां से पशुपालन विभाग ने 17 सैंपल भोपाल लैब में जांच के लिए भेजे थे।
इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। सीकर जिले में अब तक 13 पक्षियों की मौत हो चुकी है।
इनमें प्रारंभिक तौर पर बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए हैं। इनमें से 2 पक्षियों के सैंपल भोपाल भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।
डूंगरपुर जिले में उल्लू, चिडिय़ा और कबूतर की मौत के मामले सामने आए हैं।
पशुपालन विभाग बर्ड फ्लू से इनकार कर रहा है। डूंगरपुर के धंबोला गांव में एक उल्लू, इन्द्रखेत में चार चिडिय़ा मृत हालत में मिले, वहीं डूंगरपुर शहर के महारावल स्कूल के पास तीन कबूतर मृत हालत में मिले हैं।
पशुपालन विभाग की नोडल अधिकारी डॉ. कल्पना हिरवाड़े का कहना है कि जिले में अभी बर्ड फ्लू का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
उल्लू बूढ़ा हो जाने और चिडिय़ा की ठंड के कारण मौत हुई है, वहीं कबूतर की मौत के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
भरतपुर जिले में गुरुवार सुबह मथुरा गेट थाना इलाके की संजय नगर कॉलोनी में एक कौए की मौत से हडक़ंप मच गया।
केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में सैकड़ों की संख्या में इस समय प्रवासी और अप्रवासी पक्षी रह रहे हैं, जिसे देखते हुए बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
कौए की मौत की सूचना के बाद पशुपालन विभाग के अधिकारी और राष्ट्रीय पक्षी उद्यान के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और पीपीई किट पहनकर और उस इलाके को सैनिटाइज कर मृतक कौए को डिस्पोज किया।