झारखंड में Bird FLU का खौफ, 20 दिनों में आधा हुआ चिकेन कारोबार

News Aroma Media
3 Min Read

रांची: कोरोना के बाद देश में बर्ड फ्लू का खौफ है। 11 राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है लेकिन झारखंड अभी तक इससे सुरक्षित है।

राज्य में अब तक बर्ड फ्लू का एक भी केस नहीं मिला है।

अब तक झारखंड से लगभग 4300 से ज्यादा नमूने जांच के लिए रीजनल डिजीज डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी कोलकाता भेजे गए हैं।

लेकिन अभी तक किसी सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है।

संक्रमण भले झारखंड न पहुंचा हो लेकिन रांची में लोग इससे सहमे हुए हैं।

- Advertisement -
sikkim-ad

20 दिनों में आधा हुआ चिकेन कारोबार

इसका सीधा असर रांची में चिकेन और अंडे के कारोबार पर देखने को मिल रहा है।

पिछले 20 दिनों में चिकेन की बिक्री में लगभग 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

अंडा और चिकेन की कीमतों में भी 20-25 फीसदी की गिरावट आई है।

चिकेन और अंडे का भी गिरा भाव

रांची में पॉल्ट्री फॉर्म चलाने वाले सौरव बनर्जी ने बताया कि 1 जनवरी से पहले वे रोज लगभग 75 हजार किलो मुर्गा बेचते थे।

लेकिन अभी ये घटकर लगभग 30-35 हजार किलो रह गया है।

उन्होंने बताया कि थोक में जो चिकेन पहले 120 रुपए किलो बिक रहा था वो अब घटकर 100 रुपए किलो रह गया है।

वहीं खुदरा में 150 रुपए किलो बिकने वाला चिकेन अब 120-130 रुपए किलो मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रति अंडे की कीमत 7 रुपए से घटकर 6 रुपए हो गया है।

वहीं अंडे के ट्रे की कीमत 190 से घटकर 170 रुपए प्रति ट्रे आ गई है।

अब तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं

रांची के चान्हों में पॉल्ट्री फॉर्म चलाने भेलवार सिंह राव ने बताया कि वे 10 वर्ष से पॉल्ट्री फॉर्म चला रहे हैं।

उन्होंने कहा कि झारखंड में अब तक बर्ड फ्लू बस अफवाह है।

ऐसा कोई केस यहां नहीं है। उन्होंने बताया कि पॉल्ट्री फॉर्म में मुर्गे-मुर्गी पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं।

वे एक कमरे में बंद रहते हैं। इनमें संक्रमण का कोई खतरा नहीं है।

उन्होंने बताया कि पिछले 10 साल से इनके लिए जो पैक्ड फीड आ रहा है वे अभी भी दे रहे हैं।

राज्यभर में रैपिड रिस्पांस टीम सक्रिय

झारखंड के पशु स्वास्थ्य व उत्पादन संस्थान के निदेशक विपिन बिहारी महथा ने बताया कि पूरे राज्य में बर्ड फ्लू को लेकर हाई अलर्ट है।

रैपिड रिस्पांस टीम पूरे राज्य में सक्रिय है। उन्होंने बताया कि पॉल्ट्री फॉर्मों पर विशेष निगरानी रखी जा रहा है।

अभी तक पॉल्ट्री फॉर्मों में मुर्गियों के मरने की कोई खबर नहीं है।

Share This Article