आइजोल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मिजोरम इकाई ने मुख्यमंत्री जोरामथंगा के नेतृत्व वाली मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (एमजीएनआरईजी) कानून का ‘‘उल्लंघन’’ करने और इसके धन का ‘‘दुरुपयोग’’ करने का आरोप लगाया है।
राज्य सरकार ने हालांकि इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि उसने दिशा-निर्देशों के अनुसार काम किया और धन का दुरुपयोग नहीं किया।
भाजपा महिला मोर्चा की मिजोरम इकाई की अध्यक्ष एवं केंद्रीय योजना निगरानी एवं सतर्कता उपाध्यक्ष एफ. लालरेमसंगी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि मनरेगा योजना की निगरानी एवं क्रियान्वयन निकाय के गठन और राज्य में धन के उपयोग में ‘‘अनियमितताएं’’ हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने मनरेगा अधिनियम के कार्यान्वयन की नियमित निगरानी और समीक्षा के लिए मिजोरम राज्य रोजगार गारंटी परिषद का गठन किया, लेकिन महिला सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में दिशा-निर्देशों को पूरा करने में ‘‘विफल’’ रही।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य रोजगार गारंटी परिषद में गैर-सरकारी सदस्यों में से कम से कम पांच महिलाओं को मनोनीत किया जाए।
इस बीच, मिजोरम के ग्रामीण विकास मंत्री लालरुअटकिमा ने इन आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि राज्य रोजगार गारंटी परिषद का गठन केंद्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया है।
उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी सदस्यों में आवश्यक महिला सदस्यों को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है, क्योंकि मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार गैर-सरकारी सदस्यों में कम से कम एक तिहाई महिलाएं होनी चाहिए।
उन्होंने इन आरोपों का भी खंडन किया कि पार्टी को मजबूत करने के लिए धन का दुरुपयोग किया गया था। लालरुअटकिमा ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘राज्य रोजगार गारंटी परिषद का गठन दिशा-निर्देशों के अनुसार किया गया है और धन का दुरुपयोग नहीं किया गया है।’’