मुंबई: मुंबई में छठपूजा पर लगाए गए सरकारी प्रतिबंध के बाद भाजपा आक्रामक हो गई है। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि सरकार हिंदू समाज की भावनाओं को कुचलने के लिए इस तरह का बेतुका निर्णय लिया है।
अतुल भातखलकर ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा की ओर से छठपूजा के लिए पहले ही अनुमति मांगी गई थी। राज्य सरकार ने अब कोरोना का कारण बताते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया है। राज्य सरकार ने मंदिर खोलने का निर्णय भी बहुत देर से लिया है। सरकार की भूमिका पूरी तरह से हिंदू विरोधी है।
भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के उपाध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि छठ पूजा उत्तर भारतीयों का महत्वपूर्ण त्योहार है। मुंबई सहित महाराष्ट्र में बसा उत्तर भारतीय समाज छठ पूजा बहुत ही श्रद्धा व सद्भाव के साथ मनाता रहा है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने उत्तर भारतीय समाज की भावनाओं का ध्यान न रखते हुए छठ पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे उत्तर भारतीय समाज में सरकार के प्रति तीव्र असंतोष व्याप्त है।
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की वजह से सभी त्योहार अपने घर में ही मनाया है। सरकार की ओर से त्योहार मनाने पर कोई पाबंदी नहीं है। सिर्फ भीड़ इकट्ठा कर लोग छठपूजा न करें, इतना ही आदेश सरकार की ओर से जारी किया गया है। छठपूजा पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है।
मुंबई नगर निगम की महापौर किशोरी पेडणेकर ने कहा कि जिस तरह कोरोना कालखंड में सभी त्योहार मनाए गए हैं, उसी तरह छठपूजा भी होगी। माताएं बहनें घर में अथवा भीड़ जमा न करते हुए छठ पूजा का पर्व मनाएंगी।
सरकार का आदेश कोरोना को देखते हुए मात्र है लेकिन छठ पूजा के लिए सरकार पूरी तरह छठ व्रतियों के साथ है। मुंबई नगर निगम की नियमावली सिर्फ समुद्र तट व जलाशयों पर इकट्ठा होने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ही है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई व ठाणे नगर निगम की ओर से छठ पूजा के दौरान समुद्र तट व जलाशयों पर भीड़ जमा न करने की नियमावली जारी की गई है। इस नियमावली का भाजपा की ओर से जोरदार विरोध किया जा रहा है।