Congress Fanifesto Controversy : Congress का घोषणा पत्र जारी होने के बाद एक प्रकार से BJP में खलबली सी स्थिति है। हर प्रकार से Congress पर हमला किया जा रहा है।
PM Narendra Modi बीते रोज एक चुनावी सभा में कहा था कि कांग्रेस का घोषणा पत्र (Menifesto) मुस्लिम लीग (Muslim League) की सोच को दर्शाने वाला है।
अब असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने तीखा हमला बोला है। सरमा ने कहा कि कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र (Congress Manifesto) भारत नहीं पाकिस्तान (Pakistan) में चुनाव के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।
सरमा के आरोपों पर कांग्रेस ने जवाब में कहा कि सरमा जैसे दलबदलू व्यक्ति सबसे पुरानी पार्टी के धर्मनिरपेक्ष और समावेशी लोकाचार (Inclusive Ethos) को नहीं समझ पाएंगे। कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि उनके घोषणापत्र का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करना है।
मुख्यमंत्री सरमा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए Congress की असम इकाई के प्रवक्ता बेदब्रत बोरा ने कहा कि शर्मा जैसे दलबदलू सबसे पुरानी पार्टी के धर्मनिरपेक्ष और समावेशी लोकाचार को नहीं समझ पाएंगे।
बोरा ने कहा, सरमा कई वर्षों तक कांग्रेस में रहे, लेकिन वह पार्टी के मुख्य लोकाचार को नहीं समझ सके। इसलिए वह BJP में चले गए। पिछले कुछ समय से BJP में रहने के बाद भी, वह अब भी भगवा दल के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के लिए कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश करते हैं।’’
बीते दिनों कांग्रेस पार्टी ने तमाम वादों के साथ चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। 48 पन्नों के घोषणापत्र में कांग्रेस ने 5 न्याय, 25 गारंटी और 300 से ज्यादा वादे किए।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में BJP की वॉशिंग मशीन (Washing Machine) से भी तुलना की है। ऐसा दावा किया कि भ्रष्टाचार (Corruption) में घिरा जो भी BJP में जाता है, बीजेपी की वॉशिंग मशीन में उस पर सभी आरोप हट जाते हैं।
कांग्रेस के घोषणापत्र पर अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने तीखा हमला बोला है। सरमा ने कहा कि कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र भारत नहीं पाकिस्तान में चुनाव के लिए ज्यादा फायदेमंद होगा।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस के घोषणापत्र की निंदा करते हुए दावा किया कि इसका लक्ष्य सत्ता में आने के लिए समाज को विभाजित करना है।
उन्होंने जोरहाट निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली (Election Rally) से इतर संवाददाताओं से कहा, यह तुष्टीकरण की राजनीति है और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
घोषणापत्र ऐसा लगता है जैसे यह भारत के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान के चुनाव के लिए है। वास्तव में यह टिप्पणी मामले को सांप्रदायिक रंग देने की ओर संकेत करती है।