रांची: झारखंड भाजपा ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि को गुरुवार को समर्पण दिवस के रूप में मनाया।
11 फरवरी को ही वर्ष 1968 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुगलसराय स्टेशन जिसे अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन के रूप में जाना जाता है।
स्व दीनदयाल उपाध्याय का मृत पार्थिव शरीर मिला था। पंडित ट्रेन से यात्रा कर रहे थे।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज पूरे प्रदेश में उनकी 53वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया।
इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने पार्टी के लिये तन, मन के समर्पण के संकल्प के साथ समर्पण राशि भी समर्पित किये। भाजपा के वर्ष भर में होने वाले निश्चित कार्यक्रमों में यह एक कार्यक्रम है।
अपने नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि दीनदयाल मां भारती के सच्चे सपूत थे।
वे एक व्यक्ति मात्र नहीं, बल्कि मानवतावादी विचार की प्रतिमूर्ति थे।
उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में पले बढ़े दीनदयाल अद्वितीय प्रतिभा के धनी थे। व्यक्तिगत जीवन की चिंता छोड़ उन्होंने सम्पूर्ण जीवन को राष्ट्र के लिये समर्पित कर दिया। प्रकाश ने कहा कि अंत्योदय और एकात्म मानव दर्शन दीनदयाल उपाध्याय की अद्भुत देन है।
गिरिडीह ज़िला मुख्यालय में समर्पण दिवस कार्यक्रम में बोलते हुए पार्टी के नेता विधायक दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दीनदयाल एक महामानव थे, जिनमें अद्भुत संगठन क्षमता भी थी और विचारों की गहराई भी थी।
मरांडी ने कहा कि साम्यवाद,पूंजीवाद के बीच उन्होंने एकात्म मानववाद का चिंतन दिया जो सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण की चिंता बिना भेदभाव की करती है।
उनके विचार में अंत्योदय के मंत्र थे, जिसके बिना कोई भी विकास अधूरा : धर्मपाल
प्रदेश कार्यालय में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि स्व दीनदयाल उपाध्याय ने अपना कण कण और क्षण क्षण राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया।
उनके आदर्श और विचार आज पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिये प्रेरणा का पाथेय है।
उन्होंने कहा कि देश की युवाशक्ति के बीच पंडित दीनदयाल के विचारों को आज पहुंचाने की जरूरत है।भारत और भारतीयता के साथ मानवतावादी सोच को विकसित करना आज राष्ट्र की आवश्यकता है।
जमशेदपुर जिला कार्यालय में आयोजित समर्पण दिवस पर भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के संघर्षमय जीवन को प्रेरणास्रोत बताते हुए कहा कि भारत माता की कोख से अनेकों महापुरुष ने जन्म लिया।
इनमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय भी एक थे।
प्रखर राष्ट्रवादी, एकात्म मानववाद एवं अंत्योदय के प्रणेता, भाजपा कार्यकर्ताओं के पथ प्रदर्शक पंडित दीनदयाल की विचारधारा को अपनाते हुए भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक दल बनी।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने सबसे पहले देश, उसके बाद पार्टी और अंत में ‘मैं’ के सिद्धांतों पर आधारित राजनीति से कार्यकर्ताओं को संस्कारित करने का काम किया।
उनका एकात्म मानववाद का दर्शन न केवल भारत अपितु सम्पूर्ण विश्व की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम है, संघ के स्वयंसेवक से लेकर जनसंघ के अध्यक्ष तक और जीवन के अंतिम क्षणों तक दीनदयाल उपाध्याय के जीवन में ‘स्व’ का कोई स्थान नहीं रहा।
उनका पूरा जीवन देश की संस्कृति और देश के हित के लिए समर्पित रहा।
समाज के अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचे उसकी चिंता करते हुए उन्होंने साम्यवाद, पूंजीवाद के कम होते असर पर एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा का दर्शन दिया, जिसके केंद्र में मानव का सम्पूर्ण कल्याण निहित था।
पिछले छह वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के केंद्रबिंदु में अंत्योदय का संकल्प रहा है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जनसंघ की स्थापना करने के पीछे सोच थी कि देश में ऐसा राजनीतिक दल हो जो राष्ट्र निर्माण का अंग बने, राष्ट्र निर्माण का साधन बने।
उनके सपनों के अनुरूप भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ता राष्ट्र प्रथम के भावना को लेकर माँ भारती को परम वैभव पर ले जाने को सदैव संकल्पित हैं।
ऐसे महान देशभक्त व उत्कृष्ट संगठनकर्ता की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करता हूं।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने सुना प्रधानमंत्री का सम्बोधन
प्रदेश कार्यालय में आयोजित समर्पण दिवस कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी,रांची महानगर एवम ग्रामीण जिला के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऑनलाइन उदबोधन सुना।
प्रदेश कार्यालय में संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह,प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू, विधायक नवीन जायसवाल, भानु प्रताप शाही, मेयर आशा लकड़ा,डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, काजल प्रधान आदि ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए समर्पण राशि भी अर्पित किए।