राम मंदिर, धारा 370 और CAA लागू करने के बाद अभी और कुछ चल रहा दिमाग में?

Central Desk

BJP Government: अपने लक्ष्य के अनुसार BJP पिछले 10 वर्षों में RSS के एजेंडा पर सधे तरीके से आगे बढ़ रही है। पार्टी ने अपने कई वादे पूरे कर दिए हैं। जिसमें राममंदिर (Ram Mandir),370 और CAA भी शामिल हैं।

अब चुनावी बेला है और केंद्र की NDA सरकार को जनता का समर्थन हासिल करना है। इसी बीच सवाल उठने लगा है कि अब BJP के पास वो कौन से तीर है जो आने वाले समय में निकलकर आएंगे।

CAA लागू होने के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने Social Media Platform X पर एक पोस्ट में कहा मोदी सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित किया।

ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।

इस अधिसूचना के साथ प्रधानमंत्री Narendra Modi जी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है।

BJP ने हटाया था अनुच्छेद 370

BJP ने दूसरे कार्यकाल में चुनावी वादों को पूरा करने की कड़ी अनुच्छेद 370 हटाने के साथ शुरू की थी। विपक्ष की आपत्तियों और अल्पसंख्यकों के विरोध प्रदर्शन के बाद भी आर्टिकल 370 को हटाने का प्रस्ताव लोकसभा और राज्यसभा में अधिक मत से पारित कर दिया गया। हालांकि, आज भी कांग्रेस समेत कुछ दलों के लिए यह गैर-कानूनी है, इसलिए वे अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात कहते हैं।

Jammu and Kashmir की दो पार्टियों- PDP और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता विपक्षी बैठकों में इसी वजह से आज भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं। तीन तलाक के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाने का भी वादा किया था।

दरअसल, मुस्लिम महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार और लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर BJP ने तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित कर दिया।

साल 2019 में केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिला (Protection of Marriage Rights) कानून बना कर अपना यह वादा भी पूरा कर दिया। इतना ही नहीं, ऐसे मामले सामने आने के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई का भी प्रावधान है।

तीन तलाक देने वाले पति को अधिकतम तीन साल तक की सजा और जुर्माने का कानून में प्रावधान है। वहीं दूसरी तरफ एक लंबे संघर्ष और विरोध के बाद अयोध्या राम मंदिर का फैसला हिंदुओं के पक्ष में आना एक बहुत बड़ा मौका रहा। BJP ने वादा किया था कि वो सत्ता में आते ही राम मंदिर का निर्माण कराएगी।

अदालत का फैसला आने तक राम मंदिर पर किसी प्रकार के काम को रोका गया था, लेकिन फैसला आने के तुरंत बाद जोरशोर से मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ। इसके बाद 25 जनवरी, 2024 को BJP ने अपना वादा पूरा करते हुए मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की।

BJP के चुनावी वादों में समान नागरिक संहिता को लागू करने की बात भी कही गयी। हालांकि, यह कानून पूरे देश में लागू न होकर केवल कुछ BJP शासित राज्यों तक ही सीमित है। BJP का मानना था कि अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग कानून की जरूरत नहीं है।

BJP शासित राज्यों तक ही सीमित

कुल मिलाकर पार्टी ने चार वादे पूरे कर लिए हैं, हालांकि समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा अभी केवल BJP शासित राज्यों तक ही सीमित है।

वहीं, अनुच्छेद 370 को हटाने का विधेयक अगस्त, 2019 में संसद में पारित किया गया था, जबकि राम मंदिर का 25 जनवरी पूरे धूमधाम से प्राण प्रतिष्ठा किया गया था। पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह पूर्वोत्तर राज्यों में उन स्थानीय लोगों की चिंताओं का समाधान भी करेगी, जिनके मन में इस कानून को लेकर आशंकाएं थीं।

दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित किए जाने के बाद कानून के प्रावधानों के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था। घोषणा पत्र में कहा गया था, हम पूर्वोत्तर के लोगों की भाषाई, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान PM मोदी ने कई बड़े चुनावी वादे किए थे

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान PM मोदी ने कई बड़े चुनावी वादे किए थे, उन सभी को केंद्र ने धीरे-धीरे पूरा किया है।

हिंदुओं, जैन, पारसियों, बौद्धों, ईसाइयों और पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में प्रताड़ित सिखों को भारत में जगह और नागरिक बनने का अधिकार देने का भी वादा करने के साथ ही BJP ने राम मंदिर के निर्माण और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने की प्रतिबद्धता भी जताई थी।

इसके अलावा, समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की भी बात कही गई थी।माना जा रहा है कि इस घोषणा के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को पंजाब, असम और पश्चिम बंगाल में फायदा मिलेगा।

दरअसल, इन तीनों राज्यों में पड़ोसी देश से आकर बहुत से अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिल जाएगी। सरकार ने साल 2019 में आर्थिक और सामाजिक विकास के हाशिये पर मौजूद समुदाय को शांत करने के लिए CAA के कार्यान्वयन का वादा किया था। इसे लागू कर सरकार ने विरोधियों को बड़ा संदेश दिया है।