BJP Received Money from Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से Electoral (चुनावी) बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिए जाने पर कांग्रेस ने खुशी जाहिर करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर उगाही का आरोप लगाया है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि BJP को ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ से 5200 करोड़ रुपये मिले हैं। ये रुपये किसने दिए, यह बात देश को बताना चाहिए।
ऐसे में कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि SBI तमाम जानकारी को सार्वजनिक पटल पर रखे, जिससे जनता को मालूम पड़े कि किसने कितना पैसा दिया।
खेड़ा ने कहा कि ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ स्कीम मोदी सरकार ‘मनी बिल’ के तौर पर लाई थी, ताकि राज्यसभा में इसपर चर्चा न हो, यह सीधा पारित हो जाए। ऐसे में हमें डर है कि कहीं फिर से कोई अध्यादेश जारी न हो जाए और मोदी सरकार Supreme Court के इस फैसले से बच जाए।
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें सीधे-सीधे प्रधानमंत्री शामिल हैं। देश पर इलेक्टोरल बॉन्ड को थोपा गया जबकि चुनाव आयोग, वित्त मंत्रालय और लॉ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने विरोध किया था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मोदी सरकार की ‘चुनावी बॉन्ड योजना’ को रद्द करने के सर्वसम्मत फैसले का स्वागत करती है। Supreme Court ने माना है कि चुनावी बॉन्ड योजना संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ ही भारत के संविधान का भी उल्लंघन कर रही है।
वर्ष 2017 में जब Electoral Bond लाया गया था, तब से कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध कर रही है। यह प्रक्रिया अपारदर्शी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली है।
उल्लेखनीय है कि Supreme Court ने इलेक्टोरल (चुनावी) बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया है। चीफ जस्टिस DY Chandrachud की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने कहा कि State Bank of India सभी पार्टियों को मिले चंदे की जानकारी छह मार्च तक चुनाव आयोग को दे।
चुनाव आयोग 13 मार्च तक यह जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करे। अभी जो बांड कैश नहीं हुए हैं, राजनीतिक दल उसे बैंक को वापस करें।