पटना: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नीतीश कुमार के फिर से महागठबंधन में आने को लेकर राजद नेताओं द्वारा विचार किए जाने के बयान के बाद भाजपा और जदयू भड़के हुए हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद की पार्टी अपने दर्जनभर विधायक और विधान पार्षद को जदयू में जाने से नहीं रोक पाई।
उसका 10 लाख लोगों को एक झटके में सरकारी नौकरी देने का अव्यवहारिक वादा नकार दिया गया।
उन्होंने कहा कि गरीबों-मजदूरों, युवाओं-महिलाओं ने जिस पार्टी के अनुभवहीन वंशवादी नेतृत्व को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया, उसका कोई न कोई शख्स राजग के विधायक तोड़ने के नित नये बड़बोले दावे कर अपनी लॉयल्टी साबित कर रहे हैं। इनमें कोई राजनीतिक सच्चाई नहीं है।
इधर, राबड़ी देवी के बयान पर जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने भी कहा कि राजद सत्ता के लिए तड़प रही है।
उन्होंने कहा कि जनता ने विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है, उन्हें विपक्ष में बैठना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे लाख कोशिश कर ले सरकार हिलने वाली नहीं है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी राबड़ी देवी के बयान को हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्थक बयान है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने शुक्रवार को अरूणाचल प्रदेश की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा बिहार में भी जदयू को तोड सकती है।
उन्होंने अपने अंदाज में कहा, भाजपा अंदर ही अंदर अपना काम करती है, जब कर देती है तब सबों को पता चलता है।
नीतीश के फिर से महागठबंधन में आने के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इस पर पार्टी के नेता और विधायक बैठकर विचार करेंगे।