लखनऊ: ऐसा लगता है कि किसान आंदोलन के उत्तर प्रदेश की राजनीति में दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
आगरा की एक पंचायत ने जिले के 9 विधायकों और 2 सांसदों से कहा है कि वे प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में पत्र जारी करें, अन्यथा सामाजिक बहिष्कार का सामना करें।
एक हफ्ते पहले ही मुजफ्फरनगर की खाप पंचायतों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन नहीं करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने का आह्वान किया था।
बीकेयू के एक अधिकारी के अनुसार, अब सभी जिलों में किसान समूह भाजपा विधायकों और सांसदों से किसानों के विरोध पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहेंगे, वरना उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे।
अधिकारी ने कहा, हम जिले के विधायकों और सांसदों के घरों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।
हम उनसे किसानों के शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन करने के लिए पत्र जारी करने के लिए कहेंगे और ऐसा न करने की सूरत में उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
मुजफ्फरनगर के एक भाजपा विधायक ने आईएएनएस से नाम न छापने की शर्त पर कहा, हम मुश्किल में फंस गए हैं। यदि हम किसानों का समर्थन न करें तो 2022 में चुनाव नहीं जीत पाएंगे।
वहीं हम इस मुद्दे पर पार्टी लाइन के बाहर भी नहीं जा सकते। हमारे नेतृत्व को जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि दोनों ही पक्ष अपना रुख सख्त करते नजर आ रहे हैं।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के कई पदाधिकारियों को आशंका है कि तीनों कानूनों के खिलाफ लोगों को उकसाने के लिए किसानों को कानूनी नोटिस मिल सकते हैं।