नई दिल्ली: एमजीआर यानी एमजी रामचंद्रन। जिन्हें तमिल सिनेमा से लेकर राज्य की राजनीति का एक आइकन माना जाता है।
वहीं एमजीआर, जिन्होंने तमिलनाडु की मौजूदा सत्ताधारी एआईएडीएमके की 48 साल पहले स्थापना की थी।
अब भाजपा उन्हीं एमजीआर की लोकप्रियता को भुनाते हुए राज्य की जनता से भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश करती दिख रही है।
बीजेपी ने तमिलनाडु में महीने भर में दूसरी बार एमजीआर कार्ड खेला है।
गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को तमिलनाडु दौरे के दौरान चेन्नई में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एमजीआर की तस्वीर पर फूल-माला चढ़ाकर विशेष तौर पर श्रद्धांजलि दी।
इससे पहले छह नवंबर को पूरे राज्य में वेल यात्रा निकालने के दौरान तमिल सिनेमा के महान अभिनेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन की तस्वीरों का भाजपा ने इस्तेमाल किया था।
गृहमंत्री अमित शाह ने एमजीआर को महान नेता बताते हुए कहा कि तमिलनाडु के विकास के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
माना जा रहा है कि तमिलनाडु के गौरव का प्रतीक बन चुके एमजीआर को उचित सम्मान और तवज्जो देकर भाजपा राज्य की जनता से जुड़ने और दिलों में बसने की कोशिश कर रही है।
2019 के लोकसभा चुनाव से तमिलनाडु में सत्ताधारी एआईएडीएमके से भाजपा का गठबंधन है।
अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का एआईएडीएमके गठबंधन के साथ उतरना तय माना जा रहा है।
हालांकि, भाजपा राज्य में अपने दम पर पार्टी का विस्तार करने की कोशिशों में जुटी है। लगातार पार्टी एक्शन मोड में है।
बीते छह नवंबर से भाजपा की तमिलनाडु इकाई ने एक महीने के आउटरीच प्रोग्राम के तहत एक यात्रा निकाली थी।
जिसमें भाजपा की ओर से एमजीआर की तस्वीरों के इस्तेमाल पर एआईएडीएमके नेताओं ने नाराजगी भी जाहिर की थी।
सहयोगी एआईएडीएमके नेताओं का मानना रहा कि भाजपा उनके आइकॉन को अपने फायदे के लिए भुना रही है।
सियासी गलियारे में माना जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को चेन्नई दौरे के दौरान एआईएडीएमके संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री एमजीआर और जयललिता को श्रद्धांजलि देने के साथ उनकी तारीफ कर राज्य में बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है।
तमिलनाडु की राजनीति पर नजर रखने वाले भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने आईएएनएस से कहा, हर राज्य के कुछ प्रतीक और विभूतियां होती हैं।
जिनसे जनता का गहरा जुड़ाव होता है। एमजीआर ऐसी ही विभूति हैं। अगर भाजपा उन्हें सम्मान दे रही है तो बुरा क्या है।
वैसे भी राज्य में फिलहाल एआईएडीएमके के साथ गठबंधन है, ऐसे में पार्टी के संस्थापक एमजीआर को सम्मान देने को दूसरे अर्थों में नहीं देखना चाहिए।
तमिलनाडु के सांस्कृतिक आइकन भी हैं एमजीआर
एमजी रामचंद्रन तमिलनाडु के सांस्कृतिक आइकन भी माने जाते हैं।
तमिल सिनेमा में 30 साल से भी अधिक समय तक राज करने के बाद एमजीआर राजनीति के मैदान में उतरे तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचे।
कांग्रेस से होते हुए वह करुणानिधि की पार्टी डीएमके में भी कुछ समय तक रहे।
फिर पार्टी से मतभेद होने पर उन्होंने राजनीतिक पार्टी एडीएमके बनाई। जिसे बाद में एआईएडीएमके नाम मिला। चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले फिल्म अभिनेता बने।
1977 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वह 24 दिसंबर 1987 को मरते दम तक इस पद पर रहे। एमजीआर ने गरीबों के लिए बहुत काम किया। जिससे वह गरीबों में काफी लोकप्रिय रहे।
मुख्यमंत्री रहते हुए एमजीआर ने पोषण मध्यान्ह भोजन योजना शुरू की, जिससे सरकारी स्कूलों के बच्चों को भोजन मिलना संभव हुआ।
ऐसी कई योजनाओं के जरिए उन्होंने गरीब और जरूरतमंद जनता के दिलों में जगह बनाई। जिसकी वजह से उनकी पार्टी ने तमिलनाडु की राजनीति में अपनी जड़ें जमा लीं।
एमजीआर ने ही फिल्म अभिनेत्री जयललिता को राजनीति में स्थापित किया। जयललिता भी बाद में मुख्यमंत्री हुईं।
इस वक्त भी राज्य में एमजीआर और जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके का शासन है।