कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के घमासान में पक्ष और विपक्ष के बीच मुद्दों के बजाए निजी हमलों की बाढ़ सी आ गई थी लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ निजी टिप्पणी नहीं करने की सलाह दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा ने साफ शब्दों में कहा है कि ममता बनर्जी के खिलाफ निजी टिप्पणी करने से नेता बचें।
बताया जा रहा है कि भाजपा ने यह आदेश इसलिए जारी किया है क्योंकि वह ममता बनर्जी को किसी भी तरह से सहानुभूति बटोरने का मौका नहीं देना चाहती है।
इसके साथ ही भाजपा ने पार्टी नेताओं को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार समेत जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।
उल्लेखनीय हल्दिया में नंदीग्राम से दाखिल करने के बाद ममता बनर्जी चोटिल हो गईं थीं।
जिसके बाद उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया था। जहां पर ममता ‘दीदी’ के पैरों पर प्लास्टर लगाया गया और तब से वह व्हील चेयर पर नजर आ रही हैं और रैलियां करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी तकलीफ बंगाल की जनता की परेशानियों से बड़ी नहीं है।
ऐसे में भाजपा को लगता है कि कहीं वह सहानुभूति बटोरकर जनता को अपने पाले में न मोड लें।
वहीं, सी वोटर्स का एक सर्वे सामने आया था जिसमें मुख्यमंत्री पद के लिए बंगाल की जनता ने अभी भी ममता बनर्जी को अपनी पहली पसंद बताया है।
जबकि दूसरे स्थान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, तीसरे पर मुकुल रॉय, चौथे पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और फिर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी को बताया है।