नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लखीमपुर खीरी की घटना और केंद्रीय मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं होने पर बेशक काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा हो, मगर इसके बावजूद पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए तैयार है।
एबीपी-सीवोटर-आईएएनएस सर्वेक्षण में सामने आए निष्कर्षो से यह जानकारी मिली है। यह सर्वे लखीमपुर खीरी की घटना के बाद किया गया है। सर्वेक्षण भाजपा के लिए बूस्टर साबित हो सकता है, जो इस मुद्दे पर बैकफुट पर है।
सर्वेक्षण के अनुसार, भाजपा और सहयोगी दलों को अनुमामित 241 से 249 सीटें मिल सकती हैं, जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) सहयोगी दलों के साथ 130 से 138 सीटों के साथ बहुत पीछे रह सकती है।
वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) 20 सीटों का आंकड़ा भी पार करती नहीं दिखाई दे रही है और वह केवल 15 से 19 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाएगी।
सबसे बुरे हालात कांग्रेस पार्टी और अन्य छोटे दलों के रहने का अनुमान है, जो कि दोहरे अंक के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाएंगे, यानी वह 10 से भी कम सीटों पर सिमट जाएंगे।
क्षेत्रवार बात की जाए तो पश्चिमी यूपी में विपक्षी दलों को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है, लेकिन सभी क्षेत्रों की बात की जाए तो भाजपा राज्य के बढ़त हासिल करने जा रही है।
अवध क्षेत्र में भाजपा को 65 से 69 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि सपा को 19 से 23 सीटें मिल सकती हैं। बुंदेलखंड में बीजेपी को 13 से 17 और सपा को सिर्फ 1 से 5 सीटें मिलने की संभावना है।
सर्वे में सामने आए निष्कर्षो के अनुसार, खीरी घटनाक्रम के मद्देनजर मध्य यूपी में भाजपा को कुछ सीटों का नुकसान जरूर हो सकता है, लेकिन इसके बावजूद वह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से आगे ही रहेगी।
यहां भाजपा को 36 से 40 सीटें और सपा को 18 से 22 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। वहीं पूर्वांचल क्षेत्र में सपा को 28 से 32 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि बीजेपी 67 सीटों तक जा सकती है।
इसी तरह रूहेलखंड में भाजपा को 28 से 32 सीटें मिलने का अनुमान है, लेकिन सपा को मामूली बढ़त केवल 22 सीटों के साथ होगी।
सर्वेक्षण मामूली त्रुटि की संभावना के साथ राज्य के सभी 403 निर्वाचन क्षेत्रों में 5 से 8 अक्टूबर तक किया गया था। यह 2805 व्यक्तियों से बातचीत पर आधारित है।