नई दिल्ली: BJP अब 6 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और बदलेगी। सूत्रों ने बताया कि यह चुनावी ऑपरेशन (Election operation) के तहत हो रहा है। 2024 को ध्यान में रखकर यह सब किया जा रहा है।
गौरतलब है कि BJP ने मंगलवार को पंजाब, तेलंगाना (Telangana) और झारखंड (Jharkhand) समेत 4 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए थे।
लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले संगठन में ये बदलाव BJP की ओर से राज्यवार रणनीति का संकेत है। इसी कड़ी में BJP अब 6 और राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदलने वाली है।
पद छोड़ने वाले कई अध्यक्षों को मोदी सरकार में मिल सकती है एंट्री
इसे लेकर अगले एक से दो दिनों में फैसला हो सकता है। BJP जिन राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदलने वाली हैं, उनमें मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और केरल शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि पद छोड़ने वाले कई अध्यक्षों को मोदी सरकार में एंट्री मिल सकती है। सबसे ज्यादा चर्चा गुजरात BJP के अध्यक्ष सीआर पाटिल की है, जो लोकसभा के सांसद भी हैं। इसलिए तकनीकी तौर पर उन्हें मोदी सरकार में एंट्री देना आसान होगा।
CR पाटिल ने 2014 में नवसारी सीट से जीत हासिल की
गौरतलब है कि CR पाटिल ने 2014 में नवसारी सीट से जीत हासिल की थी। फिर 2019 में उन्होंने रिकॉर्ड 6 लाख वोटों के अंतर से कांग्रेस उम्मीदवार को मात दी थी।
चर्चा यह भी है कि उन्हें मंत्री की बजाय संगठन में ही अहम पद दिया जा सकता है। उन्हें PM Narendra Modi के भरोसेमंद नेताओं में से एक माना जाता है।
उनका गुजरात BJP अध्यक्ष के तौर पर जुलाई में कार्यकाल समाप्त हो रहा है। पाटिल के अलावा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष VD शर्मा भी केंद्रीय मंत्री बन सकते हैं।
वह राज्य की खजुराहो लोकसभा सीट से सांसद हैं। वीडी शर्मा को मध्य प्रदेश से दिल्ली लाने का फैसला हो चुका है, लेकिन उत्तराधिकारी पर अंतिम फैसला बाकी है।
बताया जा रहा है कि वीडी शर्मा की जगह पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और सांसद सुमेर सिंह सोलंकी के नाम चर्चा में हैं।
इस तरह से BJP में फिलहाल चल रही बदलाव की बयार
इधर संगठन में फेरबदल के साथ ही मोदी कैबिनेट में भी बदलाव की चर्चाएं जोरों पर है।
BJP ने जी. किशन रेड्डी को तेलंगाना का अध्यक्ष बनाया है, जो अब तक पर्यटन मंत्री हैं। अब वह पद छोड़ेंगे तो निश्चित तौर पर केंद्रीय मंत्री के तौर पर कोई और नेता आएगा।
इसके अलावा कुछ और नेताओं को भी केन्द्र में मंत्री बनाया जा सकता है, जबकि कुछ मंत्रियों की संगठन में वापसी हो सकती है। इस तरह से भाजपा में फिलहाल तो बदलाव की बयार चल रही है।