अहमदाबाद: गुजरात की स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस का सफाया हो गया है। अब अहमदाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के अजीब स्थिति बन गई है।
इस बार अहमदाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष का पद एसटी सीट के लिए आरक्षित है, लेकिन भाजपा एसटी उम्मीदवार चुनाव हार गया है और जीते हुए उम्मीदवारों एसटी महिला नहीं है।
अब भाजपा किसी उम्मीदवार से इस्तीफा दिलाकर किसी एसटी महिला को चुनाव जिताने की कोशिश करेगी।
दरअसल, अहमदाबाद जिला पंचायत के अध्यक्ष पद का महिला एसटी के लिए आरक्षित किया गया था।
लेकिन जिले की एकमात्र शाहपुर सीट ही एसटी महिलाओं के लिए आरक्षित थी।
इस सीट पर कांग्रेस महिला उम्मीदवार परुबेन पाढर ने भाजपा उम्मीदवार को हराकर चुनाव जीता है।
भाजपा के लिए अजीब स्थिति बन गई है। जिला पंचायत की 34 में से भाजपा ने 30 सीटें जीती हैं।
लेकिन उनमें एक भी एसटी महिला नहीं है। ऐसे में अहमदाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष पर कब्जा करने के लिए भाजपा अन्य विकल्प पर विचार कर रही है।
कांग्रेस उम्मीदवार को अध्यक्ष बनाने से बचने के लिए भाजपा नई रणनीति अपना सकती है।
भाजपा अब अपनी आरक्षित सीट से जिला पंचायत के एक निर्वाचित सदस्य इस्तीफा देंगा।
भाजपा उस रिक्त सीट पर एक आदिवासी उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी और उसे अहमदाबाद जिला पंचायत का अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है।