गोड्डा: गत सोमवार को जिले के ललमटिया थाना क्षेत्र अंतर्गत केंदुआ तालाब में डूबे सेराजुद्दीन अंसारी का शव बुधवार को संध्या तालाब में मिला।
गत 2 दिनों से स्थानीय तैराक एवं एनडीआरएफ की टीम केंदुआ तालाब में शव के तलाश में जुटी रही।
शव नहीं मिलने पर एनडीआरएफ की टीम ललमटिया से लौट गई थी वहीं 3 घंटे बाद ग्रामीणों ने सेराजुद्दीन के शव को केंदुआ तालाब में देखा तो इसकी सूचना अपने गांव में दी।
देखते ही देखते हजारों ग्रामीण जुटे गए और सीआईएसफ के जवानों के खिलाफ जमकर हंगाम किया।
उपस्थित ग्रामीणों के आक्रमक तेवर को देखते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी केके सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी जितेंद्र कुमार देव, इंस्पेक्टर कमलेश प्रसाद, ललमटिया थाना प्रभारी, महागामा थाना प्रभारी ,मेहरमा थाना प्रभारी सहित सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जिला पुलिस बल ने लोगों को शांत करवाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
विदित हो कि रविवार की रात्रि में राजमहल परियोजना के ओसीपी के सामने कोयला चुने गए डहुआ गांव के युवक सेराजुद्दीन अंसारी अपने साथियों के साथ कोयला चुनने गया था कोयला चुनने के दौरान सीआईएसएफ के पीटीएल पार्टी के द्वारा खदेड़ने पर सभी लोग इधर-उधर भाग गए थे। लेकिन सेराजुद्दीन भागने के दौरान तालाब में कूद गया था।
ग्रामीणों एवं मृतक की पत्नी मेहरून बीवी का आरोप है कि सीआईएसएफ के जवानों ने उनके पति को खदेड़ने के दौरान काफी मारपीट भी किया था जान बचाने के लिए भागने के दौरान तालाब में कूद गया था, जिससे सेराजुद्दीन अंसारी की मौत हो गई थी और 3 दिन बाद बुधवार को संध्या उनका शव तालाब में तैरता हुआ पाया गया।
इधर पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक पूर्व से ही डीजल एवं कोयला की चोरी में संलिप्त था एवं इस मामले में वह गत चार दिनों पहले जेल से रिहा होकर वापस आया था।
प्रबंधन द्वारा चोर को परियोजना के निजी कंपनी में रोजगार देने को लेकर कई प्रकार की चर्चाएं चल रही है लोगों का कहना है कि यदि प्रबंधन इस प्रकार के कृत्य करने वालों को रोजगार देगी तो ऐसी घटनाओं में और भी वृद्धि होगी।