Bokaro News: झारखंड के बोकारो जिले के चिरा चास थाना क्षेत्र में इंस्टाग्राम के जरिए दोस्ती कर एक 18 वर्षीय युवती से 54 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहनों की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चिरा चास पुलिस ने शनिवार, 19 अप्रैल 2025 को मुख्य आरोपी कुमार आदित्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
आरोपी हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर 8 सी, आवास संख्या 2541 का निवासी है। इस ठगी में शामिल तीन अन्य आरोपियों-योगेश, शिवम महतो, और सीवान मोड़ स्थित कृपा ज्वेलरी शॉप के मालिक पंकज सोनार-की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
ऐसे हुआ ठगी का खुलासा
मामला तब सामने आया जब पीड़ित युवती के परिजनों ने घर के लॉकर की जांच की। लॉकर से 330 ग्राम सोने का बिस्किट, चार चूड़ियां, दो कंगन, दो जोड़ा झुमके, आठ नोजपीन, आठ अंगूठियां, चार चेन, मंगलसूत्र, नथिया, दो जोड़ा नेकलेस, सोने-चांदी के सिक्के, चांदी का बिस्किट, और पायल गायब थे।
इन गहनों की कुल कीमत करीब 54 लाख रुपये आंकी गई। युवती के पिता ने चिरा चास थाने में नामजद आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसके आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की।
इंस्टाग्राम पर दोस्ती और इमोशनल ब्लैकमेल
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी कुमार आदित्य ने 2024 में इंस्टाग्राम के जरिए युवती से संपर्क स्थापित किया और झूठी दोस्ती का नाटक रचा। उसने अपनी कथित दयनीय स्थिति का हवाला देकर युवती को इमोशनल ब्लैकमेल किया। कई बार में उसने युवती को गहने देने के लिए मजबूर किया।
युवती ने आरोपी के झांसे में आकर घर के लॉकर से कीमती गहने निकालकर उसे सौंप दिए। कुमार आदित्य ने इन गहनों को अपने साथियों योगेश, शिवम महतो, और ज्वेलर पंकज सोनार के साथ मिलकर कृपा ज्वेलरी शॉप में बेच दिया।
चिरा चास पुलिस ने पीड़ित के पिता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कुमार आदित्य को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। उसे बोकारो जिला जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है।
थाना प्रभारी ने बताया कि फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी जारी है और कृपा ज्वेलरी शॉप की जांच की जा रही है। पुलिस ठगी के गहनों को बरामद करने के लिए भी प्रयासरत है।
इस तरह की ठगी
पुलिस के अनुसार, कुमार आदित्य ने इंस्टाग्राम पर युवती से दोस्ती कर उसका विश्वास जीता। उसने अपनी नकली कहानियों और भावनात्मक दबाव का इस्तेमाल कर युवती को बार-बार गहने देने के लिए उकसाया। यह ठगी कई महीनों तक चली, और युवती ने परिजनों को बिना बताए लॉकर से गहने निकालकर आरोपी को सौंप दिए।