बोकारो: झारखंड के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। जी हां, स्कूलों की मनमानी के खिलाफ नेशनल कमिशन फाॅर प्रोटेक्शन आॅफ चाइल्ड राइटस एनसीपीसीआरद्ध ने संज्ञान लिया है।
इस संबंध में कमिशन ने झारखंड के शिक्षा सचिव को लेकर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
अभिभावक संघ ने आयोग में की थी कंप्लेन
बता दें कि फीस जमा नहीं होने पर बच्चों का ऑनलाइन क्लास से नाम हटाने, ट्यूशन फीस बकाया रहने पर रिजल्ट रोकने आदि मामलों को लेकर झारखंड अभिभावक संघ के बोकारो जिला अध्यक्ष महेंद्र राय व जमशेदपुर अभिभावक संघ के अध्यक्ष डॉण् उमेश कुमार ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर सूचना दी थी।
इसमें बोकारो जिला के 8 और जमशेदपुर के दो स्कूलों के नाम शामिल हैं।
अभिभावक संघ के जिला अध्यक्ष महेंद्र राय ने कहा कि झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से 9 बिंदुओं पर आदेश जारी किया गया था।
इसमें स्पष्ट कहा गया है कि कोई भी निजी स्कूल फीस जमा नहीं होने की स्थिति में किसी भी बच्चों काे न तो ऑनलाइन क्लास से वंचित कर सकते हैं और न ही रिजल्ट रोक सकता हैं।
प्राइवेट स्कूलों की कैसी-कैसी मनमानी
इसके बावजूद संत जेवियर्स स्कूल की ओर से नए सत्र में करीब 1000 रुपए की बढ़ोतरी की गई।
विगत 20 दिनों से कई निजी स्कूल प्रबंधन की ओर से रिजल्ट देने के नाम पर स्कूल बुलाकर अभिभावकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
साथ ही, जिनकी फीस बकाया है उन्हें रिजल्ट नहीं दिया। इसकी शिकायत राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग से की गई थी।
आयोग ने राज्य के शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
कुछ दिन पूर्व बोकारो जिले के डीसी ने सभी निजी स्कूलों को आदेश जारी कर कहा था कि कोई भी स्कूल इस सत्र के बुक में कोई भी बदलाव नहीं करेंगे, परंतु निजी स्कूल इसे मान नहीं रहे हैं।