बोकारो: स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान ने चास के मुख्य गरगा पूल के पास स्थित भारत माता की मूर्ति के समक्ष एक दिवसीय गरगा बचाओ धरना दिया गया।
धरने को संबोधित करते हुए संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा मुकुल ने कहा कि चास-बोकारो की जीवन रेखा और गंगा की तरह मान्यता वाली पवित्र गरगा नदी (गर्ग-गंगा) और इसकी सहायक छोटी नदी सिंगारी जोरिया को न सिर्फ प्रदूषित किया जा रहा है बल्कि, इनके तटों को कई जगह अतिक्रमित भी कर लिया गया है ।
इन दोनों नदियों को प्रदूषण और अतिक्रमण मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान ने विगत कई वर्षों से गरगा बचाओ आंदोलन के माध्यम से सरकार,
जिला प्रशासन और चास नगर निगम सहित आमजन का ध्यान आकृष्ट कराया है फिर भी चास नगर निगम क्षेत्र की गंदी नालियों का प्रदूषित पानी बिना साफ किए ही इन दोनों नदियों में अनवर प्रवाहित हो रहा है।
साथ ही गरगा नदी में बोकारो इस्पात संयंत्र की कॉलोनियों के सीवरेज का गंदा पानी भी बिना पूर्ण साफ किए ही अनवरत प्रवाहित किया जार हा है ।
प्रदूषण की वजह से इन दोनों नदियों का पानी न सिर्फ काला पड़ गया है बल्कि, इससे दुर्गंध निकलने लगी है।
धरने में सुरेंद्र कुमार पांडेय, अपूर्व परासर, अखिलेश ओझा, बबलू पांडेय, अभय कुमार गोलू, सुकुमार आस, राजीव कंठ, अमित गिरी, अजय सिंह, महेश ओझा, ए के दूबे, डा. पूर्णेन्दु गोस्वामी, सुनील झा, दीनदयाल मिश्रा, मनोज पांडेय, अनुपम ओझा, अर्जुन पांडेय, मनीष झा, चंद्रकांत खां, आरएल द्विवेदी सहित कई पर्यावरण प्रहरी उपस्थित थे।