झारखंड में यहां सदर अस्पताल की डाक्टर की मति गई थी मारी, डीपीआरओ की बेटी को इलाज के लिए प्राइवेट क्लीनिक में बुलाया

News Aroma Media
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बोकारो: सदर अस्पताल में डॉक्टरों की मनमानी के एक मामले ने तब तूल पकड़ा जब डीपीआरओ खुद शिथिलता का शिकार बने।

राहुल कुमार भारती अपनी 6 वर्षीया पुत्री को दिखाने के लिए आंख विशेषज्ञ डॉ. पिंकी पाल के चैंबर में गए तो वह वहां नहीं थीं। उन्होंने जब डॉ. पाल को फोन किया तो उन्होंने कहा कि वह डीसी लेवल की मीटिंग में हैं।

अगर ज्यादा दिक्कत हो तो शाम में को-आपरेटिव कॉलोनी स्थित उनके क्लीनिक पर आ जाएं। इसके बाद मामला काफी गरमाया।

टेलीफोन पर दूसरे चिकित्सकों से बात कर डीपीआरओ की पुत्री का इलाज करवाया

डॉ. पाल ने कहा कि मंगलवार को वह ऑनकॉल ड्यूटी पर थी। अगर कोई इमरजेंसी होती और उन्हें बुलाया जाता तो वह आ जातीं।

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उन्होंने कहा कि वह अपने नर्सिंग होम में अग्निशमन सुरक्षा को लेकर फायर ऑफिसर्स के साथ मीटिंग में थीं, न कि डीसी लेवल की मीटिंग में। टेलीफोन पर दूसरे चिकित्सकों से बात कर डीपीआरओ की पुत्री का इलाज करवाया।

डॉ. पाल बिना किसी सूचना के ड्यूटी से गायब हैं

डीपीआरओ भारती ने अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. रेणु भारती एवं सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार पाठक को पूरे मामले की जानकारी दी।

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बाद में अस्पताल उपाधीक्षक व अन्य चिकित्सकों ने उनकी बेटी का उपचार किया।

डीपीआरओ की शिकायत पर सिविल सर्जन और उपाधीक्षक ने मामले की जांच की। तब पता चला कि डॉ. पाल बिना किसी सूचना के ड्यूटी से गायब हैं।

इसलिए, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. रेणु भारती ने नेत्र चिकित्सक डॉ. पाल से स्पष्टीकरण पूछा है। डीपीआरओ ने कहा कि काफी संख्या में मरीज उनके चैंबर में इंतजार कर रहे थे और डॉक्टर गायब थीं।

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