बोकारो: चंद्रपुरा प्रखंड के बेड़ा, जिल्पु बेड़ा बस्ती, बुढ़ीडीह, परसाडीह, बाघमारीटांड़ आदिवासी बहुल गांवों में संथाल समाज ने सोहराय पर्व धूमधाम से मनाया।
जिलपु बेड़ा बस्ती स्थित मांझी स्थल से आदिवासी महिलाएं व पुरुष ढ़ोल मांदर के साथ नृत्य करते पुरे गांव का भ्रमण करते हुए पुनः मांझी स्थान में समापन किया।
इस सोहराय पर्व में गांव के सभी मांझी बाबा एवं उनके सहयोगी वह आदिवासी समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों ने भाग लिया।
गांव के मांझी हाडाम नायके प्रेम सोरेन,जोग मांझी, हेमलाल सोरेन ने बताया कि आदिवासी समाज के सामाजिक , सांस्कृतिक व धर्म की रक्षा के लिए यह सोहराय पर्व मनाया जाता है।
गांव के महेंद्र किस्कू, रुपलाल टुडु ने बताया कि चौथे एवं पांचवें दिन को जाले मांहा कहते हैं। पर्व के अंतिम दो दिनों में गांव के युवक युवतियों का दल गांव घर में घुमकर नाच गाकर आनंद लेते हैं।
इस मौके पर बहादुर बास्के,दशरथ सोरेन,रवि मांझी, लालू सोरेन, विपीन मरांडी, दशरथ सोरेन आदि मौजूद थे।