बोकारो: सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे, इसके लिए सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार ने नयी पहल की है।
सदर अस्पताल में मरीजों को बेहतर चिकत्सा मिले, इसके लिए उन्होंने अस्पताल के विभन्न विभागों के सात डॉक्टरों को नोडल पदाधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी है।
सिविल सर्जन ने जिन सात डॉक्टरों को नोडल पदाधिकारी बनाया है, वे सभी अपने-अपने विभाग की चिकित्सकीय व्यवस्था की देखरेख करेंगे। ये नोडल पदाधिकारी हर दिन अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपेंगे।
सदर अस्पताल ड्यूटी रोस्टर को लेकर चर्चा में रहा है। अस्पताल के डॉक्टरों के दबाव और बेहतर चिकित्सकीय व्यवस्था को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई बार ड्यूटी रोस्टर में बदलाव किया गया।
फिर भी अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था में कुछ खास फर्क नहीं दिखा। ऐसे में सिविल सर्जन ने अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने के लिए यह नयी पहल की है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के निर्देश के बाद सदर अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अस्पताल उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार ने कड़े कदम उठाये, तो विवाद शुरू हो गया। डॉक्टरों को सख्ती अच्छी नहीं लगी।
इसके कारण डॉक्टरों और अस्पताल के उपाधीक्षक के बीच विवाद होता रहा। ज्यादातर डॉक्टरों ने तो उपाधीक्षक के आदेश को मानने से ही इनकार कर दिया।
आरोप है कि वे सरकार की ड्यूटी करने के बजाय निजी प्रैक्टिस पर ज्यादा ध्यान देने लगे। अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति से चिकित्सा व्यवस्था डगमगाने लगी।
इन्हें बनाया गया नोडल पदाधिकारी
• सदर अस्पताल के आकस्मिक विभाग के डॉ नसीम
• आईसीयू के डॉ मदन
• एसएनसीयू के डॉ इमरान असगर
• पीकू वार्ड के डॉ पंकज भूषण
• सर्जरी के डॉ महेंद्र प्रसाद
• महिला वार्ड की डॉ निरोज जोजो
• जेनरल वार्ड के डॉ ज्योति लाल