Bombay High Court in Rape Case: दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को जमानत देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने कहा कि मुंबई में भीड़भाड़ वाली जुहू चौपाटी पर दिनदहाड़े आरोपी पीड़िता से दुष्कर्म नहीं कर सकता। इस मामले में POCSO act लगाने का सवाल नहीं उठता।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने Rape के आरोपी चौकीदार को जमानत देते हुए कहा ट्रायल कोर्ट ने अभी तक कोई आरोप तय नहीं किया है। जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ चौकीदार द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
समुद्र के पास पत्थरों के पीछे दुष्कर्म करने का है आरोप
अभियोजन पक्ष का कहना था कि पीड़िता एक बिल्डिंग में नौकरानी का काम करती थी। वहीं उसकी पहचान चौकीदार से हो गयी और दोनों के बीच दोस्ती हुई और बाद में प्रेम संबंध में बदल गयी।
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 14 मई, 2021 को जब वह आरोपी के साथ जुहू चौपाटी (Juhu Chowpatty) गयी थी, तो आरोपी ने उससे यौन संबंध बनाने के लिए कहा, जिस पर पीड़िता ने इनकार कर दिया।
हालांकि, आरोपी उसे धमकी देते हुए जबरन समुद्र की ओर ले गया और पत्थरों के पीछे उसके साथ दुष्कर्म किया।
X-Ray रिपोर्ट से पता चला लड़की की उम्र 19 साल से ज्यादा है
चौकीदार की ओर से वकील नाजनीन खत्री ने अभियोजन पक्ष द्वारा पेश पीड़िता की एक्स-रे रिपोर्ट की ओर इशारा किया, जिसमें पता चला कि रेडियोलॉजिकल रूप से पीड़िता की उम्र 19 साल से अधिक है, लेकिन 20 साल से कम है।
रिपोर्ट देखने के बाद पीठ ने कहा कि अगर ऐसा मामला है, तो इस मामले में POCSO Act लगाने का सवाल नहीं उठता है, क्योंकि कथित अपराध के समय पीड़िता बालिग थी।
इसके बाद Court ने आरोपी चौकीदार को जमानत दे दी। बता दें कि इस मामले में आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।